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Rashtravad: पीएम मोदी के खिलाफ सबसे बड़ा एजेंडा फेल हो गया, पेगासस जासूस कांड नहीं बल्कि प्रोपेगैंडा था? 

Updated Aug 25, 2022 | 18:26 IST

Rashtravad: पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई।चीफ जस्टिस एनवी रमन ने कहा कि पेगासस जासूसी के सबूत नहीं है। 29 मोबाइल फोन में 5 में मैलवेयर पाया गया। ये नहीं कहा जा सकता कि ये पेगासस स्पाइवेयर है। अब सवाल उठता है कि पेगासस जासूस कांड नहीं बल्कि मोदी के खिलाफ सिर्फ प्रोपेगैंडा था? 

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Rashtravad: आज राष्ट्रवाद में बात करेंगे पेगासस जासूसी कांड की। क्या प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चलाए जा रहे सबसे बड़ा एजेंडा आज फेल हो गया है। जिस पेगासस को हथियार बनाकर विपक्ष ने 2021 में मानसून सत्र नहीं चलने दिया। संसद से सड़क तक हंगामा किया। आज विपक्ष का वो एजेंडा देश की सबसे बड़ी अदालत में धाराशाई हो गया है। पेगासस के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस मुद्दे पर बनी कमेटी रिपोर्ट पर चीफ जस्टिस ने कहा कि  पेगासस जासूसी के सबूत नहीं है। 29 मोबाइल फोन में 5 में मैलवेयर पाया गया। ये नहीं कहा जा सकता कि ये पेगासस स्पाइवेयर है। साथ ही रिपोर्ट में 'कानून में बदलाव कर उसे सख्त बनाने की सिफारिश की गई है।

'साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने का सुझाव दिया और 'गैरकानूनी सर्विलांस के खिलाफ समस्या उठाने के लिए ग्रीवांस मैकेनिज्म होने की बात कही।इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि केंद्र सरकार ने मदद नहीं की। सुप्रीम कोर्ट चार हफ्ते बाद इस मामले में फिर से सुनवाई करेगा।

आज सुप्रीम कोर्ट में ये साफ हो गया है कि पेगासस का इस्तेमाल जासूसी के लिए नहीं किया गया। कमेटी की रिपोर्ट से ये भी साफ हो गया कि विपक्ष का पेगासस कांड वाला राग सिर्फ एक प्रोपैगेंडा था। सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिलने के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पेगासस मामला प्रधानमंत्री मोदी को कमजोर करने के लिए एक सुनियोजित अभियान था। बीजेपी ने कांग्रेस से सीधा सवाल कर पूछा है कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी देश से माफी मांगेंगे।

2021 में जुलाई में पेगासस वाला मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने सड़क से लेकर संसद तक संग्राम किया था। कांग्रेस के साथ तमाम विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने तो प्रधानमंत्री मोदी के लिए देशद्रोही जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। आज हम इस मुद्दे पर बहस करें उससे पहले राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं के कुछ बयान भी आपको सुना देते हैं।

जिस पेगासस के नाम पर कांग्रेस और विपक्षी दलों ने पर शोर शराबा किया गया उससे पिछले साल मानसून सत्र के दौरान कितना नुकसान हुआ। टैक्सपेयर का कितना पैसा इस हंगामे की भेंट चढ़ा ये भी जानना जरूरी है। पिछले साल मानसून सत्र के दौरान हंगामे की वजह से लोकसभा में 22 फीसदी काम हुआ। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही में 74 घंटे बाधा आई। राज्यसभा में 76 घंटे से ज्यादा नुकसान हुआ। संसद में कुल 150 घंटे का नुकसान हुआ। हर मिनट में टैक्सपेयर को 2.5 लाख रुपये का नुकसान हुआ यानि हर घंटे में 1.5 करोड़ का नुकसान हुआ। पूरे सत्र के दौरान करीब 225 करोड़ से ज्यादा रुपये का नुकसान हुआ।

आज सुप्रीम कोर्ट में एक और मामले में अहम सुनवाई हुई। पांच जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जांच रिपोर्ट में फिरोजपुर के SSP को जिम्मेदार ठहराया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2 घंटे पहले बदले हुए रूट की जानकारी SSP को दी फिर भी जरुरी कदम नहीं उठाए गए। इतना ही नहीं रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र के तैनात अधिकारियों का सहयोग नहीं किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस को VVIP सुरक्षा के लिए बेहतर ट्रेनिंग की जरूरत है सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

तब कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अचानक रूट बदला जिसकी वजह से सुरक्षा में चूक हुई लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट से साफ है कि दो घंटे पहले जानकारी मिलने के बावजूद प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जरूरी कदम नहीं उठाए गए।

ऐसे में आज के सवाल हैं 

मोदी के खिलाफ सबसे बड़ा एजेंडा फेल हो गया?
पेगासस जासूस कांड नहीं बल्कि प्रोपेगैंडा था? 
SC से मोदी सरकार को 'क्लीन चिट' विपक्ष को झटका ?
अब देश को बदनाम करने वाले माफी मांगेंगे ? 

 

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