- टूलकिट केस में ट्विटर ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस की कार्रवाई डराने वाली है
- माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने कहा कि वह नए नियमों का पालन करने का प्रयास करेगी
- भाजपा प्रवक्ता की ओर से पेश 'टूलकिट' को ट्विटर ने 'मैनिपुलेटेड मीडिया' बताया है
नई दिल्ली : ट्विटर ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। ट्विटर का यह बयान तब आया है जब कुछ दिनों पहले दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली और गुरुग्राम स्थित कार्यालयों पर दबिश देकर विवादास्पद 'टूलकिट' मामले में उसे नोटिस दिया। ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा, 'भारत में हमारे कर्मचारियों के साथ हाल ही में जो घटनाक्रम हुए हैं और हमारी ओर से लोगों को दी जाने वाली अभिव्यक्ति की आजादी पर जो संभावित खतरा बना हुआ है, उसे लेकर हम चिंतित हैं।'
पुलिस की कार्रवाई डराने वाली
दिल्ली पुलिस का सीधे तौर पर नाम लिए बगैर ट्विटर ने कहा, 'दुनिया और भारत की सिविल सोसायटी के लोग पुलिस की डराने वाली कार्रवाई से चिंतित हैं।' ट्विटर ने आगे कहा है कि वह भारत में लागू होने वाले कानूनों का पालन करने में पूरी कोशिश करेगी। साथ ही वह भारत 26 मई से प्रभाव में आए आईटी के नियमों पर सरकार के साथ 'खुले दिमाग' के साथ बातचीत करना जारी रखेगा। माइक्रो ब्लागिंग साइट ने नए नियमों का पालन करने के लिए पौद्योगिकी मंत्रालय से तीन महीने का समय देने का अनुरोध किया है। ट्विटर का कहना है कि शिकायतों को देखने के लिए इस दौरान वह एक अधिकारी की नियुक्ति करेगा।
क्या है टूलकिट केस
दरअसल, गत 18 मई को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कुछ दस्तावेजों के जरिए कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस 'टूलकिट' के जरिए कांग्रेस कोरोना महामारी को लेकर पीएम की छवि देश और विदेश में खराब कर रही है। पात्रा ने कहा, 'इस टूलकिट' के जरिए कांग्रेस अपने राजनीतिक मंसूबों को पूरा करना चाहती है।' इस कथित टूलकिट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच विवाद बढ़ा। इसी दौरान ट्विटर ने पात्रा की ओर से पेश 'टूलकिट' को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' बताया।
ट्विटर के कार्यालयों पर दिल्ली पुलिस की दबिश
इसके बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम दिल्ली और गुरुग्राम स्थित ट्विटर इंडिया के कार्यालयों पर दबिश दी। पुलिस ने ट्विटर इंडिया से 'मैनिपुलेटेड मीडिया' टैग्स को लेकर स्पष्टीकरण भी मांगा। दिल्ली पुलिस का कहना है कि, 'स्पेशल सेल सच्चाई का पता लगाना चाहती है। ट्विटर, जिसने अंतर्निहित सच्चाई जानने का दावा किया है, उसे स्पष्ट करना चाहिए।' इससे पहले, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई थी और मामले की जांच का हवाला देते हुए ट्विटर से टैग हटाने के लिए कहा था।