- विपक्ष के निशाने पर आई उद्धव सरकार, वाधवा परिवार को दी थी महाबलेश्वरम जाने की अनुमति
- सोशल मीडिया में वायरल हो रही है राज्य के प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता की चिट्ठी
- उद्ध सरकार ने चौतरफा घिरने के बाद अमिताभ गुप्ता को छुट्टी पर भेजा
मुंबई: देशभर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और महाराष्ट्र में कोविड 19 के मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा है और सख्या एक हजार को पार कर चुकी है। जहां इस समय पूरे देश में लॉकडाउन है वहीं महाराष्ट्र सरकार में बैठे अधिकारी इसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं। सरकार के एक कदम की चौतरफा आलोचना हो रही है। दरअसल राज्य सरकार ने लॉकडाउन के बावजूद डीएचएफएल मामले से जुड़े वाधवा परिवार के 22 सदस्यों को एकसाथ खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत दे दी थी।
अमिताभ गुप्ता छुट्टी पर भेजे गए
अब इस मामले में नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता को तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'माननीय मुख्यमंत्री ठाकरे जी के साथ चर्चा करने के बाद अमिताभ गुप्ता को जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेज दिया गया है तांकि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सके।' फिलहाल वाधवा परिवार को अस्पताल से शिफ्ट कर सेंट जेवियर स्कूल में क्वारंटीन किया गया है।
इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला
उन्होंने कहा कि उन बाबुओं के खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा जिन्होंने वाधवा परिवार को जाने की अनुमति वाला पत्र लिखा। वहीं इस मामले में कपिल वाधवा और वाधवा परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आईपीसी की धारा 188, 269, 270, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल वधावा और अन्य 22 सदस्यों को महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में कोविड-19 के प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
ईडी को मना कर चुके थे वाधवा
खबरों की मानें तो वाधवा मामले की वजह से सीएम और एनसीपी के बी दरार की भी खबरें हैं। इससे पहले वाधवा परिवार ने ईडी के सामने पेश होने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि राज्य में आवाजाही पर प्रतिबंध है। जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें वाधवा का निजी स्टाफ भी शामिल है।
किया हास्यासपद दावा
वधावा ने दावा किया है कि उनके परिवार के कुछ वरिष्ठ लोग अस्वस्थ हो गए थे और वे इसके लिए महाबलेश्वर जाना चाहते थे। लेकिन वाधवा का यह दावा हास्यासपद है क्योंकि महाबलेश्वर में कोई अस्पताल नहीं है और इलाज के लिए वाई या सतारा आना पड़ता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वे मुंबई नहीं आना चाहते थे क्योंकि शहर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। सीबीआई की टीम ने वधावा को हिरासत में लिया है जो सतारा पुलिस के संपर्क में बनी हुई है।
बीजेपी ने की गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग
वहीं वाधवा प्रकरण के बाद बीजेपी राज्य सरकार पर हमलावर हो गई है। बीजेपी नेता किरीट सौमेया ने कहा कि इस तरह के वीवीआईपी ट्रीटमेंट मामले में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देना चाहिए।