लाइव टीवी

हमें खेती को केमिकल लैब से निकालकर प्रकृति के प्रयोगशाला में ले जाना होगा : PM मोदी 

Updated Dec 16, 2021 | 13:36 IST

PM Modi speaks on natural farming : पीएम ने कहा कि मानवता के विकास का, इतिहास इसका साक्षी है।  जानकार ये बताते हैं कि खेत में आग लगाने से धरती अपनी उपजाऊ क्षमता खोती जाती है।

Loading ...
मुख्य बातें
  • प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित
  • प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती के जरिए भारत दुनिया को स्वस्थ जीवन दे सकता है
  • पीएम मोदी ने किसानों से प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ने की अपील की

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र ने गुरुवार को प्राकृतिक खेती का महत्व बताते हुए किसानों से अपनी खेती को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त करने की अपील की। पीएम ने प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने और इसे केमिकल लैब से निकालकर प्रकृति के प्रयोगशाला में ले जाना का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों में एक भ्रम ये भी पैदा हो गया है कि बिना केमिकल के फसल अच्छी नहीं होगी जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है। पहले केमिकल नहीं होते थे, लेकिन फसल अच्छी होती थी।

खेती पर आयोजित सम्मेलन में बोले पीएम 
प्राकृतिक खेती पर गुजरात के आणंद में आयोजित राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती किसानी के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने देश भर के किसानों से इस प्राकृतिक कृषि सम्मेलन से जुड़ने के लिए कहा था और इस सम्मेलन से आठ करोड़ किसान तकनीकी के माध्यम से जुड़े हुए हैं।   

रासायनिक खाद से खेती को मुक्त करें-पीएम
पीएम ने कहा, 'आजादी के अमृत महोत्सव में मां भारती की धरा को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त करने का संकल्प लें। मैं आज देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से, ये आग्रह करुंगा कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने के लिए आगे आएं। इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव ज़रूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये प्रयास हम कर सकते हैं। नैचुरल फार्मिंग से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80 प्रतिशत किसान। वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है। अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी।'

'आग लगाने से धरती अपनी उपजाऊ क्षमता कम होती है'
पीएम ने कहा कि मानवता के विकास का, इतिहास इसका साक्षी है।  जानकार ये बताते हैं कि खेत में आग लगाने से धरती अपनी उपजाऊ क्षमता खोती जाती है। हम देखते हैं कि जिस प्रकार मिट्टी को जब तपाया जाता है, तो वो ईंट का रूप ले लेती है। लेकिन फसल के अवशेषों को जलाने की हमारे यहां परंपरा सी पड़ गई है। कृषि से जुड़े हमारे इस प्राचीन ज्ञान को हमें न सिर्फ फिर से सीखने की ज़रूरत है, बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी ज़रूरत है। इस दिशा में हमें नए सिरे से शोध करने होंगे, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक फ्रेम में ढालना होगा।  आज दुनिया जितना आधुनिक हो रही है, उतना ही प्रकृति की ओर बढ़ रही है।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए कदम उठाए-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जितना जड़ों को सींचते हैं, उतना ही पौधे का विकास होता है। इससे पहले खेती से जुड़ी समस्याएं भी विकराल हो जाएं उससे पहले बड़े कदम उठाने का ये सही समय है। हमें अपनी खेती को कैमिस्ट्री की लैब से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ना ही होगा। जब मैं प्रकृति की प्रयोगशाला की बात करता हूं तो ये पूरी तरह से विज्ञान आधारित ही है। ये सही है कि केमिकल और फर्टिलाइज़र ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया है। लेकिन ये भी उतना ही सच है कि हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा। बीते 6-7 साल में बीज से लेकर बाज़ार तक, किसान की आय को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं।

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।