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- नितिन देशमुख ने बुधवार को कहा कि उन्हें धमकाकर सूरत ले जाया गया
- देशमुख की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया
- शिंदे गुट का दावा है कि उन्हें चार्टर प्लेन से गुवाहाटी से मुंबई भेजा
Nitin Deshmukh : महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। शिवसेना टूटने के कगार पर है। नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए उद्धव सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। शिवसेना के विधायकों का टूटना जारी है। बताया जा रहा है कि शिवसेना के तीन और विधायक शिंदे गुट से जा मिले हैं। इस बीच शिंदे गुट ने विधायक नितिन देशमुख पर बड़ा दावा किया है। सूत्रों के मुताबिक नितिन सूरत से बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंचे थे लेकिन यहां पहुंचकर वह वापस जाने की बात कहने लगे। इसके बाद खुद एकनाथ शिंदे के कहने पर गुवाहाटी एयरपोर्ट से उन्हें वापस भेजा गया। क्योकि एकनाथ शिंदे ने कहा कि ये सारा मामला खराब कर देंगे इसलिए नितिन देशमुख को वापस महाराष्ट्र चार्टर विमान से भेजा गया।
'मुझे धमकाया गया था'
देशमुख ने बुधवार को आरोप लगाया कि शिंदे गुट ने उन्हें जबरन सूरत लेकर गया। उन्हें कमरे में कैद करके रखा गया और उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि वह शिवसैनिक हैं और अभी भी उद्धव ठाकरे के साथ हैं। देशमुख के इस बयान के बाद शिंदे गुट ने खंडन किया है।
बुधवार शाम को मुंबई पहुंचे नितिन देशमुख
शिवसेना के छह और विधायक गुवाहाटी पहुंच रहे हैं। छह विधायकों के पहुंचने के दो तिहाई का आंकड़ा पार हो जाएगा। इसके साथ ही शिंदे के पास शिवसेना के 37 विधायकों का समर्थन हो जाएगा। थोड़ी देर में शिंदे और बागी विधायकों की बैठक होगी। वहीं, 11.30 बजे उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
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शिंदे के कदम पर सबकी नजर
एकनाथ शिंद के बागी होने के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहरा गया है। सीएम उद्धव ठाकरे सरकारी आवासा 'वर्षा' छोड़कर अपने निजी घर 'मातोश्री' पहुंच गए हैं। सबकी नजर शिंदे के अगले कदम पर है। क्या वह नई पार्टी बनाएंगे या भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। बताया जाता है कि अघाड़ी की सरकार बनने के बाद से ही शिंदे नाराज चल रहे थे। इसकी सबसे बड़ी वजह पार्टी में उनकी अनदेखी एवं उपेक्षा को बताया जा रहा है। शिवसेना के बागी विधायक भी कांग्रेस एवं एनसीपी के साथ हुए गठबंधन से खुश नहीं थे।