- राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 14 हजार से अधिक हो गए हैं
- राज्य में घातक कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 333 लोगों की जान जा चुकी है
- इस बीच सरकार ने यहां कोरोना के इलाज व टेस्ट पर होने वाले खर्च की सीमा तय कर दी है
जयपुर : राजस्थान में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 158 नए मामले सामने आए। इससे राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमित होने वालों की कुल संख्या 14,314 हो गई है। वहीं राज्य में इस घातक संक्रमण से अब तक 333 लोगों की जान गई है। इस बीच सरकार ने यहां कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज व टेस्ट पर होने वाले खर्च की अधिकतम सीमा तय कर दी है और इससे अधिक की वसूली करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
राज्य में संक्रमण के 158 नए मामले
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार सुबह साढ़े दस बजे तक राज्य में 158 संक्रमित और मिले हैं। अधिकारियों के अनुसार नये मामलों में धौलपुर में 40, जयपुर में 36, भरतपुर में 34, झालावाड़ में 12, सिरोही में 11, करौली में 10, राजसमंद में आठ और बीकानेर में साामने आए तीन मामले शमिल हैं। वहीं राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 333 लोगों की मौत हो चुकी है।
केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 144 हो गई है, जबकि जोधपुर में 30, भरतपुर में 26, कोटा में 19, अजमेर में 13 और नागौर में 10 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। अन्य राज्यों के 21 रोगियों की भी यहां मौत हुई है। यहां कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के साथ साथ 61 वे लोग भी हैं, जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर और जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया था।
टेस्ट व इलाज पर खर्च की सीमा तय
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए राजस्थान के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के बिल को नियंत्रित करने के संबंध में एक बड़ा फैसला लिया है। इसके मुताबिक, यहां निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रुपये प्रति जांच तथा अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का शुल्क 2,000 रुपये प्रतिदिन और वेंटीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4,000 रुपये प्रतिदिन से अधिक शुल्क नहीं ले सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मरीजों से अधिक पैसा वसूलने वाले अस्पताल या लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला शुक्रवार को कोरोना संक्रमण की स्थिति पर समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से अधिक बिल की वसूली ना हो। इसके लिए महामारी अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के तहत आदेश जारी किए जाएं और उनका सख्ती से पालन हो।