- अबरन प्राइमेरी हेल्थ सेंटर के डॉक्टर ने पुलिसकर्मी से की धक्का-मुक्की
- जयपुर के प्रताप नगर की सेक्टर-6 स्थित यूपीएचसी का है मामला
- डॉक्टर के रवैये से इंसानियत शर्मसार
Jaipur Doctor: जयपुर में इंसानियत दम तोड़ती दिखी। एक्सीडेंट के मामले में एक डॉक्टर ने ड्यूटी खत्म होने की बात कहकर पोस्टमार्टम करने मना कर दिया। हेड कॉन्सटेबल से भी धक्का-मुक्की की। उसे जेल भिजवाने की धमकी दी। मृतक का परिवार गुहार लगाता रहा, लेकिन डॉक्टर का दिल नहीं पिघला। परिजन डॉक्टर को कहते रहे घर में आज शादी है, जल्द पोस्टमार्टम कर बॉडी दे दें। डॉक्टर ने एक नहीं सुनी। प्रताप नगर थाने के हेड कॉन्स्टेबल ने डॉक्टर को पोस्टमार्टम नहीं करने का कारण पूछा। गुस्से में डॉक्टर धमकाते हुए पुलिसकर्मी से धक्का-मुक्की पर उतर आए। बोले- 'बात खत्म, मेरी ड्यूटी खत्म, लिख वाले जिससे लिखवाना है।'
मामला प्रताप नगर की सेक्टर-6 स्थित UPHC का है। एसआई मुकेश मीना ने बताया कि दिल्ली रोड चंदवाजी निवासी मनीष मीना (25) की एक्सीडेंट में सोमवार तड़के मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के लिए शव को महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया था। मृतक के परिजनों को एक्सीडेंट में मनीष की मौत की सूचना दी गई।
पोस्टमार्टम के लिए समय से पहुंच गए परिवार के लोग
मनीष की मौत का पता चलने पर परिजन सहित करीब 50-60 रिश्तेदार मोर्चरी पहुंच गए। परिजनों का आरोप है कि दोपहर करीब 12:30 बजे सेक्टर-6 स्थित UPHC में चिकित्सा प्रभारी डॉ. प्रमोद गुप्ता से पोस्टमार्टम के लिए कहा, लेकिन उन्होंने बाहर बैठने को कहा। उसके बाद परिजन बाहर बैठकर इंतजार करने लगे।
मृतक के घर में थी शादी
परिजनों ने हेड कॉन्स्टेबल देवेन्द्र शर्मा को बताया कि मनीष की ममेरी बहन की आज शादी है। खुशी का माहौल मनीष की मौत के बाद गम में बदल गया है। जवान लड़के की मौत हुई है और शादी में मेहमान भी आ रहे है। जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाकर शव दे दो। डॉ. प्रमोद गुप्ता से जल्द पोस्टमार्टम की कहकर हेड कॉन्स्टेबल देवेन्द्र शर्मा मृतक के परिजनों को ढांढ़स बंधाता रहा। परिजनों को भी इस बात की उम्मीद थी कि पोस्टमार्टम समय से हो जाएगा।
डॉक्टर ने हेड कॉन्सटेबल को दी जेल भिजवाने की धमकी
हेड कॉन्स्टेबल देवेन्द्र ने पोस्टमार्टम नहीं करने पर डॉक्टर प्रमोद से लिखकर देने को कहा। गुस्साए डॉक्टर प्रमोद ने धमकाते हुए कहा कि पता नहीं क्या ऊंची आवाज में डॉक्टर से बात करना राजकार्य में बाधा की श्रेणी में आता है। डॉक्टर से ऊंची आवाज में बात करना नॉन वैनिवल ओफयंस है, 7 साल की सजा है। डॉक्टर इतने पर नहीं रुके उन्होंने हेड कॉन्सटेबल के साथ धक्का मुक्की की और कहा कि जिससे लिखवाना है लिखवा लो, मेरी ड्यूटी खत्म हुई। डॉक्टर के इस रवैये से दुखी परिजनों का कहना था कि इंसानियत नहीं रही।