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Ashok Gehlot News: सिर्फ जाति की वजह से तीन बार सीएम नहीं बनता-अशोक गहलोत

Updated Dec 17, 2021 | 06:54 IST

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बारे में कहा जाता है कि वो हारी बाजी को पलटने में काबिलियत रखते हैं। सचिन पायलट ने जिस तरह से मोर्चा खोला था और उससे जिस तरह से वो निपटे उसे जानकार उनकी यूएसपी बताते हैं। अब उन्होंने जाति के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।

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सिर्फ जाति की वजह से तीन बार सीएम नहीं बनता-अशोक गहलोत
मुख्य बातें
  • तीन बार सीएम सिर्फ जाति वजह से नहीं बना-अशोक गहलोत
  • समाज के सभी लोगों का प्रेम जरूरी
  • सिर्फ राजनीतिक फायदे या निराशा को छिपाने के लिए जाति का लोग लेते हैं सहारा

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है जिसकी अगुवाई अशोक गहलोत कर रहे हैं। राजस्थान में जब विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस सत्ता में आई तो बड़ा सवाल यही था कि राज्य की कमान कौन संभालेगा युवा चेहरा सचिन पायलट या अनुभवी चेहरा अशोक गहलोत। कई दिनों की कशमकश के बाद दिल्ली में राहुल गांधी ने इन दोनों शख्सियतों के साथ मुस्कुराते चेहरे वाली तस्वीर पोस्ट की और कमान अशोक गहलोत को सौंप दी थी। करीब तीन साल बीत जाने के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि अगर जाति ही सबकुछ होता तो वो तीन बार सीएम नहीं होते।

सिर्फ जाति से विधायक, सीएम लोगों के प्यार से 
जयपुर के डॉ भीमाराव अंबेडकर ला यूनिवर्सिटी में बोलते हुए कहा वो सिर्फ जाति से विधायक हैं, सीएम बनने या बने रहने में जाति की भूमिका नहीं है। यदि 36 कौमों ने उन्हें प्यार नहीं दिया होता या भरोसा नहीं करते तो जिस रूप में वो लोगों के सामने हैं कभी ना होते। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य सी धारणा बन गई है कि जो लोग राजनीति में बड़े मुकाम को हासिल करें उनमें उनकी जाति ढूंढ ली जाए। इस तरह की संकल्पना या विचार के लिए कोई जगह नहीं है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में आप सिर्फ जाति के नाम पर राजनीति नहीं कर सकते। आप को समाज के सभी वर्गों का ख्याल करना ही होगा।

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क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि अशोक गहलोत मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। वो कोई भी बयान ऐसे ही नहीं बोल देते उसका अर्थ होता है। सरकार की कमान संभालने के साथ ही सचिन पायलट के साथ मतभेद जगजाहिर हो चुके थे। लेकिन इस साल जिस तरह से अशोक गहलोत और पायलट खेमा एक दूसरे के आमने सामने आया और गहलोत अंतिम बाजी जीतने में कामयाब रहे उससे साफ हो गया कि राजनीति में युवा चेहरों की जरूरत है लेकिन सरकार में बने रहने के लिए अनुभव ही काम आता है। जिस तरह से उन्होंने जाति के बारे में बयान दिया है वो ना सिर्फ बीजेपी के लिए संदेश है बल्कि कांग्रेस पार्टी के अंदर भी उन लोगों को संदेश है जो गहलोत के नेतृत्व को गाहे बेगाहे चुनौती देते रहते हैं।

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