- आरएससी का जवान चढ़ा पुलिस के हत्थे
- निगम का फेक विजिलेंस अधिकारी बन लोगों से कर रहा था अवैध वसूली
- पुलिस पूछताछ में कई राज खुलने की संभावना
Jaipur Crime: राजधानी जयपुर में एक बार फिर खाकी का दागदार चेहरा सामने आया है। इस बार वर्दीधारी के फर्जी अधिकारी बन लोगों को लूटने की कहानी सामने आई है। हालांकि महकमे के इस दागी कर्मचारी का फर्जीवाड़ा ज्यादा दिन नहीं चला और वह लोगों की सूझबूझ के चलते पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मामला राजधानी के ज्योति नगर थाने का है। जयपुर कमिश्ररेट साउथ डीसीपी योगेश गोयल ने बताया कि, जयपुर नगर निगम का फर्जी विजिलेंस अधिकारी बन लोगों से अवैध वसूली करने वाले आरएससी के एक जवान को ज्योति नगर पुलिस ने अरेस्ट किया है। डीसीपी ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल उपेंद्र सिंह शहर के महेश नगर इलाके की रूप विहार कॉलोनी में रहता है।
आरोपी ने पूछताछ में नगर निगम का फेक विजिलेंस अधिकारी बन लोगों से अवैध वसूली करना कबूला है। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ कर पता लगा रही है कि, अब तक इसने कितने लोगों से ठगी की है। वहीं इसने किन इलाके के लोगों को अपना शिकार बनाया है। बहरहाल आरोपी से पूछताछ जारी है।
प्लॉट सीज करने की धमकी दे मांगे 10 हजार
डीसीपी योगेश गोयल ने बताया कि आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ निगम के वार्ड-142 के पार्षद हिमांशु जैन ने अवैध वसूली का मामला दर्ज करवाया था। इस बीच आरोपी कांस्टेबल फर्जी विजिलेंस अधिकारी बन शहर के इंद्रपुरी निवासी एक शख्स के घर पर पहुंचा। आरोपी ने उसके प्लॉट को अतिक्रमण बताते हुए सीज करने की धमकी देकर 10 हजार की रिश्वत मांगी। इसकी जानकारी जब प्लॉट के मालिक ने पार्षद जैन को दी। डीसीपी ने बताया कि, इसके बाद पार्षद ने निगम के डिप्टी कमिश्रर सेठाराम बंजारा से बात कर किसी विजिलेंस अधिकारी को मौके पर भेजने की बात कही। इस पर उपायुक्त ने ऐसी किसी कार्रवाई से इंकार करते हुए इस नाम के अधिकारी का विजिलेंस टीम में नहीं होना बताया। इसके बाद मौके पर मौजूद लोग सारा खेल समझ गए। इसके बाद आरोपी को बातों में उलझा कर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर आई पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। बाद में थाने लाकर उससे पूछताछ की। डीसीपी के मुताबिक आरोपी से आगे की पूछताछ में कई बड़े खुलासे होने का अनुमान है। इस खेल में कई लोगों के चेहरों से नकाब हटेंगा।