- दीपाावली पर शहर को जगमग करने वाली रोशनी चाइनीज लाइटों से नहीं होगी
- नगर निगम ग्रेटर में लाइट समिति की बैठक में चाइनीज लाइटों पर बैन लगाने का निर्णय
- गुलाबी नगरी नाम के चलते इस बार सिर्फ गुलाबी रोशनी दिखेगी शहर में
Diwali Festival 2022: दीपावली पर गुलाबीनगर जयपुर की रोशनी देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। अब इसी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। राजधानी जयपुर में इस बार दीपाावली पर शहर को जगमग करने वाली रोशनी चाइनीज लाइटों से नहीं होगी। इसे लेकर नगर निगम ग्रेटर में लाइट समिति की हुई बैठक में चाइनीज लाइटों पर बैन लगाने का निर्णय किया गया है। बता दें कि ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि गुलाबी नगर के बाजार चाइनीज लाइटों से नहीं बल्कि स्वदेशी लाइटों से जगमग होंगे।
इसके लेकर समिति की ओर से बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया है। बैठक में रिहायशी इलाकों की खराब लाइटों को ठीक करवाने को लेकर भी चर्चा की गई। वहीं लाइटों के लंबे समय से खराब होने के बाद भी उन्हें ठीक नहीं करने वाली जिम्मेदार फर्मों के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात भी कही गई।
आजादी के अमृत महोत्सव थीम पर आधारित रोशनी होगी
ग्रेटर नगर निगम में लाइट समिति अध्यक्षा सुखप्रीत बंसल की मौजूदगी में हुई बैठक में दीपावली को लेकर कई फैसलों पर चर्चा की गई। इस बार शहर के बाजारों में की जाने वाली सजावट में चाइनीज लाइटों के उपयोग पर बैन लगाया गया है। वहीं सुखप्रीत बंसल ने सर्व सम्मती से ये निर्णय किया कि देशभर में आजादी का 75 वां अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी थीम पर इस दीवाली पर जयपुर के बाजार रोशनी से सराबोर होंगे। बंसल के मुताबिक इसे लेकर शहर के कारोबारियों से भी बात की जाएगी। वहीं गुलाबी नगरी नाम के चलते इस बार सिर्फ गुलाबी रोशनी दिखेगी शहर में।
रिकॉर्ड से अधिक अंधेरा शहर में
इस मौके पर शहर में अंधेरे इलाकों को फिर से रोशन करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। शहर के कई इलाकों में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों का मामला भी उठा। लाइट समिति अध्यक्षा सुखप्रीत बंसल के मुताबिक नगर निगम में स्ट्रीट लाइटों को सुधरने वाली फर्में धरातल पर काम नहीं कर रही। यही वजह है कि निगम के रिकॉर्ड में 3800 लाइटें शहर में खराब पड़ी हैं। इनकी शिकायतें के बाद भी इन्हें अब तक रिपेयर नहीं किया गया है। समिति के मुताबिक रिकॉर्ड के मुकाबले जमीनी हकीकत देखी जाए जो शहरभर में 10 हजार से ज्यादा रोड लाइटें खराब पड़ी हैं। बता दें कि शहर में लगी एलईडी लाइटों का मेंटेनेंस जनता से वसूले जा रहे सेस से हो रहा है। बैठक में लाइटें ठीक होने के बाद ही फर्मों के भुगतान का निर्णय लिया गया।