- जोधपुर के शेरगढ़ से कांग्रेस विधायक मीना कंवर थाने के फर्श पर बैठीं थीं
- शराब पीने के मामले में पुलिस ने उनके रिश्तेदार का किया था चालान
- मीना कंवर ने कहा था कि अगर थोड़ी सी पी ली तो क्या गुनाह कर दिया, अब दे रही हैं सफाई
जोधपुर के शेरगढ़ से विधायक मीना कंवर के रिश्तेदार का शराब के नशे में गाड़ी चलाते पुलिस ने चालान कर दिया। पहले तो विधायक पति उम्मेद सिंह राठौड़ ने संबंधित पुलिसकर्मी केसाराम से आग्रह किया कि वह उनका रिश्तेदार है, लेकिन पुलिस कर्मी नही माना तो विधायक मीना कंवर व उनके पति रातानाडा थाने पहुँच गए और पुलिसकर्मियों के सामने ही थाने की फर्श पर बैठ गए। इसके बाद भी विधायक आग्रह करती रही,लेकिन पुलिसकर्मी नही माना और मामला डीसीपी तक पहुँच गया। इसका पूरा वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हो गया। हालांकि अब वो सफाई देती नजर आ रही हैं।
महिला विधायक ने दी सफाई
शेरगढ़ विधायक द्वारा परिचित के शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले पर चालान का विरोध करना और पुलिस को भरा भुला कहना... इस मामले का वीडियो वायरल हुआ. क्योंकि शेरगढ़ विधायक मीना कंवर कांग्रेस की विधायक हैंऔर कांग्रेस की सरकार प्रदेश में है मुख्यमंत्री भी उसी जिले से हैं जिस जिले से मीना कंवर विधायक हैं. ऐसे में वीडियो वायरल होने के बाद अब विधायक महोदय और उनके पति दोनों सफाई देते नजर आ रहे हैं. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि पुलिस को धमकाने, कानून तोड़ने,अपने परिचित का पक्ष लेने के बाद भी पुलिस पर ही ठीकरा फोड़ा जा रहा है .उधर सत्ता पक्ष की विधायक होने के कारण पुलिस भी मामले पर कुछ बोल नहीं रही है. जोधपुर के डीसीपी भुवन भूषण यादव का कहना है कि मामला जांच में है .जांच के बाद ही कुछ कहा जाएगा .इसलिए स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि सत्ता का दबाव पुलिस पर किस कदर हावी हो रहा है
थाने की फर्श पर बैठीं थीं कांग्रेस विधायक
रातानाडा थाने में बैठी यह महिला कोई सामान्य महिला नही बल्कि कंग्रेस पार्टी यानि सरकार में शेरगढ़ से विधायक मीना कंवर व सफेद कपड़ो में बेठे उनके पति उम्मेद सिंह राठौड़ है। दरसअल इनके रिश्तेदार शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था तो पुलिस के केसाराम ने इनका चालान कर दिया, जब विधायक पति ने अपना परिचय देते हुए उनसे आग्रह किया, लेकिन पुलिस कर्मी कानून का हवाला देते हुए गाड़ी को सीज करने की बात कहता रहा। यह बात विधायक पति और विधायक को शायद नागवार गुजरी फिर किया दोनो रातानाडा थाने पहुँच गए। इसके बाद थाने की फर्श पर ही रिश्तेदार के साथ बैठ गए।
पुलिसकर्मी के साथ वाद विवाद
पुलिसकर्मी पर अपना गुस्सा निकालते रहे,वहीं पुलिसकर्मी भी उनका जवाब देता रहा। लेकिन उसने भी विधायक की एक बात नही सुनी। आखिर कार मामला डीसीपी तक पहुँचा तो डीसीपी के हस्तक्षेप से मामला निपटा।लेकिन विधायक यह कहती रही कि बच्चा है थोड़ी सी पी ली तो क्या हुआ? सभी पीते हैं लेकिन फोन करने के बाद भी आप नही मान रहे ऐसा किया। आप खुद सुन सकते है कि थाने में।विधायक व उनके पति क्या बोल रहे हैं। कोई वीडियो बना रहा है तो विधायक खुली चेतावनी भी दे रही है कि आप वीडियो बना रहे हो यह अच्छा नही कर रहे हैं यह बंद कर दीजिये। विधायक पंती भी इस व्यकि को चेतावनी दे रही है।।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या सरकार में भी विधायल की यह हालत या किया विधायक को।ऐसे मामले में।थाने तक जाने को जरूर पड़ी तो कैसे। हालांकि पुलिस ने अपना काम किया, लेकिन विधायक का यह रवैया कहां तक सही।