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राजस्थान सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना इलाज की नई दरें तय कीं, नई गाइडलाइन जारी

Updated May 12, 2021 | 09:47 IST

new rates of corona patient treatment in Rajasthan: राजस्थान सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज की दरें फिर से तय की हैं।

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज की दरें फिर से तय
  • कोरोना वायरस संक्रमण के सामान्य इलाज के लिए गैर एनएबीएल श्रेणी के सामान्य अस्पतालों में प्रतिदिन शुल्क 5000 रुपये रहेगा
  • एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में एक दिन का उपचार शुल्क 5500 रुपये होगा

जयपुर: राजस्थान सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज की दरें मंगलवार को फिर से तय की हैं। चिकित्सा विभाग के प्रधान सचिव अखिल अरोरा ने इस बारे में आदेश जारी किया। इससे पहले विभाग ने पिछले साल 20 जून को राज्य के निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचार की दरें तय की थीं।

नई दरों के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमण के सामान्य इलाज के लिए गैर एनएबीएल श्रेणी के सामान्य अस्पतालों में प्रतिदिन शुल्क 5000 रुपये रहेगा जिसमें ऑक्सीजन से लैस पृथक बिस्तर और पीपीई किट भी शामिल हैं। वहीं एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में एक दिन का उपचार शुल्क 5500 रुपये होगा।

मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 8250 और 9900 रुपये प्रति दिन तय

गंभीर व अति गंभीर रोगियों के इलाज का शुल्क एनएबीएल से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 8250 और 9900 रुपये प्रति दिन तय किया गया है जिसमें पीपीई किट की लागत शामिल है जबकि गैर-एनएबीएल अस्पताल में एक दिन के इलाज का शुल्क क्रमश: 7500 व 9000 रुपये तय किया गया है। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना‘ में सम्बद्ध कोविड के उपचार के लिए अधिकृत निजी अस्पतालों को योजना में कोविड के उपचार के संबंध में शिथिलता दी है।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणा राजोरिया ने बताया कि यह देखने में आया है कि  गया है कि वर्तमान में जिला कलेक्टर द्वारा कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत अस्पतालों में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में सम्बद्ध अस्पताल भी सम्मिलित है परन्तु कुछ अस्पताल योजना की गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक पात्रता नहीं रखने के कारण कोविड-19 के उपचार के लिए निर्धारित विशेषज्ञता अनुमत नहीं होने से पात्र परिवारों को निःशुल्क कोविड उपचार प्रदान नहीं कर पा रहे थे जबकि इन अस्पतालों द्वारा अन्य मरीजों को कोविड 19 का इलाज दिया जा रहा है।

राजोरिया ने बताया कि ऎसे सभी निजी अस्पताल जिन्हें जिला कलेक्टर द्वारा कोविड के उपचार के लिए अधिकृत किया जाता है, उन्हें मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में कोविड-19 के उपचार के लिए अनुमत किया गया है। उन्होंने बताया कि यह शिथिलन जिला कलेक्टर द्वारा कोविड के उपचार के लिए अधिकृत किए जाने की अवधि तक ही मान्य होगा तथा अस्पताल द्वारा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के पात्र लाभार्थी को उपचार के लिए मना नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके विस्तृत विवरण और आदेश विभागीय वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।

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