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राजस्थान कैबिनेट विस्तार से पहले खींचतान, क्या अशोक गहलोत- सचिन पायलट खेमें में बनेगी बात

Updated Jul 28, 2021 | 14:20 IST

राजस्थान कैबिनेट विस्तार से पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमा जोर आजमाइश में जुट गए हैं।

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क्या सचिन पायलट और अशोक गहलोत में बनेगी बात
मुख्य बातें
  • राजस्थान कैबिनेट विस्तार से पहले विधायकों के मन को टटोलने की कोशिश में अजय माकन
  • कैबिनेट विस्तार के साथ साथ संगठन में भी फेरबदल पर चर्चा
  • कैबिनेट विस्तार से पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट में खेमेबंदी

राजस्थान में चल रही मंत्रिमंडल विस्तार और पुनर्गठन की सुगबुगाहट के बीच बुधवार 28 जुलाई और 29 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन जयपुर में कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित विधायकों से रायशुमारी करेंगे। इसके लिए अजय माकन आज जयपुर में हैं और आज से जयपुर जिले के विधायकों के साथ अपनी रायशुमारी शुरू करेंगे।पार्टी सूत्रों का कहना है कि चाहे कुछ भी हो,मंत्रिमंडल व संगठन विस्तार में भी फिलहाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही पूरी तरह से एआईसीसी तक पहुंची सिफारिश में हावी है। यही, कारण है कि, सचिन को इसकी सूचना मिलते ही वे तुरन्त प्रभाव से राहुल गांधी की शरण मे दिल्ली रवाना हो गए है।

विधायक बताएंगे कौन मंत्री परफॉर्मर कौन नॉन-परफॉर्मर
राजस्थान में प्रभारी महासचिव अजय माकन मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विधायकों की रायशुमारी करेंगे। लेकिन इससे पहले राजस्थान में कभी ऐसा नहीं हुआ कि मंत्रिमंडल से पहले विधायकों से आलाकमान रायशुमारी करे और उसके बाद मंत्रिमंडल में कौन मंत्री बने यह तय किया जाए।हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि माकन विधायकों से मंत्रिमंडल के साथ ही जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों समेत कांग्रेस संगठन के विस्तार को लेकर भी चर्चा करेंगे। लेकिन, हर किसी की नजर मंत्रिमंडल विस्तार पर लगी हुई है।

माकन के दौरे को लेकर क्या कहते हैं कांग्रेस के विधायक-मंत्री
ऐसे में हर कोई मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ही देख रहा है कि विधायक, मंत्रियों की परफॉर्मेंस को लेकर क्या राय रखते हैं और विधायक किस मंत्री के परफॉर्मेंस को बेहतर बताते हैं और किस मंत्री को नॉन-परफॉर्मर।ज्यादातर विधायक गहलोत समर्थक, अपने समर्थक विधायकों से मिल पायलट गए दिल्ली। 28 जुलाई से शुरू होने वाले फीडबैक कार्यक्रम में कांग्रेस के 101 और बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायक तो शामिल होंगे ही, इसके साथ ही कांग्रेस समर्थित 13 निर्दलीय विधायकों को भी रायशुमारी के लिए बुलाया गया है। 

ऐसे में एक बात साफ है कि भले ही कांग्रेस के 101 विधायक गुटबाजी को लेकर ज्यादा सवाल-जवाब खड़े नहीं करें। लेकिन, 6 विधायक जो बसपा से कांग्रेस में आए हैं और 13 निर्दलीय विधायक जो पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पक्ष में बयान देते हुए सचिन पायलट पर सवाल खड़े करते रहे हैं। वह प्रभारी अजय माकन के सामने भी सचिन पायलट और उनके गुट को लेकर अपनी शिकायतें भी रखेंगे।
अब देखना यह होगा कि माकन इन निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की शिकायतों को कितना गंभीरता से लेते हैं।

एक बात बिल्कुल साफ है कि यह फीडबैक कार्यक्रम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आलाकमान को दिया हुआ एक सुझाव है।
जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान में सभी कांग्रेस के विधायकों के साथ वन-टू-वन बात करें और उससे जो निष्कर्ष निकले उसी के अनुसार आगे का निर्णय लें।हालांकि, कहा जा रहा है कि इस रायशुमारी से सचिन पायलट कैंप खुश नहीं है। लेकिन, आलाकमान के निर्देशों के अनुसार पायलट कैंप के सभी विधायक कल रायशुमारी में शामिल होंगे।

विधायकों के साथ 28 और 29 जुलाई को होने वाले प्रदेश प्रभारी अजय माकन के रायशुमारी कार्यक्रम से एक दिन पहले सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं। इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं कि सचिन पायलट दिल्ली में राहुल गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं। 
हालांकि राहुल गांधी से मुलाकात को लेकर सचिन पायलट समर्थकों ने इनकार किया है।दिल्ली जाने से पहले सचिन पायलट ने अपने समर्थक विधायकों हेमाराम चौधरी, वेद सोलंकी, राकेश पारीक, हरीश मीणा और मुकेश भाकर से मुलाकात भी की।

आलाकमान पहले ही कर चुका निर्णय, विधायकों की राय केवल दिखावा !

प्रभारी अजय माकन के दो दिवसीय विधायकों के फीडबैक कार्यक्रम को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान मंत्रिमंडल विस्तार और पुनर्गठन को लेकर पहले ही मानस बना चुका है और लिस्ट भी तैयार की जा चुकी है।लेकिन विधायकों में इसे लेकर गलत मैसेज नहीं जाए, यही कारण है कि जानकार कह रहे हैं कि विधायकों की रायशुमारी की बात कही जा रही है। 

विधायकों की वन-टू-वन बातचीत में अजय माकन कल विधायकों को सीधा संदेश दे सकते हैं कि वह किसी गुट विशेष से जुड़ाव और दूसरे गुट का विरोध करने की जगह कांग्रेस पार्टी कैसे मजबूत हो, इसे लेकर अपनी राय रखें।वहीं, वन-टू-वन बातचीत के जरिए कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधि अजय माकन विधायकों को यह भी संदेश देंगे कि कांग्रेस में जो भी निर्णय होते हैं वह कांग्रेस आलाकमान लेता है न की किसी राज्य का कोई गुट। ऐसे में वो किसी नेता के प्रति आस्था दिखाने के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ ही कांग्रेस में आस्था रखें।

यह रहेगा माकन का कार्यक्रम
प्रदेश प्रभारी अजय माकन मंगलवार रात 9:30 बजे जयपुर पहुंचेंगे।बुधवार सुबह वह सीधे विधानसभा पहुंचेंगे। जहां कांग्रेस विधायकों के साथ अजय माकन वन-टू-वन रायशुमारी करेंगे। पहले दिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक अजय माकन विधायकों की रायशुमारी करेंगे। जिसमें पहले जयपुर फिर कोटा और फिर भरतपुर संभाग के विधायकों की रायशुमारी होगी।इसके बाद 29 जुलाई को माकन सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक अजमेर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग के विधायकों की रायशुमारी करेंगे।रायशुमारी के बाद मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रभारी अजय माकन डिनर डिप्लोमेसी के माध्यम से भी विधायकों से बात करेंगे।

इन विधायकों पर रहेगी नजर
28 जुलाई को होने वाली रायशुमारी में 36 विधायक ऐसे हैं जो किसी ना किसी गुट से ताल्लुक रखते हैं।ऐसे में यह विधायक रायशुमारी में क्या बात रखते हैं, इस पर हर किसी की नजर होगी। वेद सोलंकी, इंद्राज गुर्जर, बाबूलाल नागर, विजेंद्र सिंह ओला, राजकुमार शर्मा, राजेंद्र गुढ़ा, वीरेंद्र सिंह, परसराम मोरदिया, महादेव सिंह खंडेला, राजेंद्र पारीक, सुरेश मोदी, दीपेंद्र सिंह शेखावत, शकुंतला रावत, बलजीत यादव, बाबूलाल कठूमर, दीपचंद खेरिया, संदीप कुमार, जीआर खटाना, मुरारी लाल, ओम प्रकाश हुड़ला, भरत सिंह कुंदनपुर, राम नारायण मीणा, अमर सिंह, विश्वेंद्र सिंह, जाहिदा, जोगिंदर अवाना, वाजिद अली, गिर्राज सिंह मलिंगा, खिलाड़ी लाल बैरवा, रोहित बोहरा, भरोसी लाल जाटव, लाखन सिंह, रमेश चंद्र मीणा, पीआर मीणा, अशोक बैरवा, दानिश अबरार, रामकेश मीणा और इंदिरा मीणा।

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