कानपुर : पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंग्स्टर विकास दुबे के साथी की पत्नी जो जेल में है उसके पक्ष में उसके परिवार ने दलील देते हुए कहा है कि वह नाबालिग है। उस पर आईपीसी की धाराओं के तहत मर्डर और आपराधिक साजिश का आरोप दर्ज किया गया है। उसके परिजनों ने कानपुर देहात के एक स्पेशल कोर्ट में पेश किए एक एफिडेविट में ये दावा किया है कि वह नाबालिग है।
महिला का नाम खुशी है जो एक महीना से जेल में बंद है उसकी शादी विकास दुबे के साथी अमर के साथ हुई थी। इन दोनों की शादी बिकरू कांड के कुछ दिन पहले ही हुई थी। अमर हमीरपुर में यूपी पुलिस के एक एनकाउंटर में मारा गया था। इसके कुछ ही दिनों के बाद उज्जैन में विकास दुबे ने महाकाल मंदिर में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।
बुधवार को खुशी के पिता श्यामलाल तिवारी ने स्पेशल कोर्ट में एक एफिडेविट दाखिल करते हुए अपनी बेटी को नाबालिग बताया। उसके वकील शिवकांत दीक्षित ने मीडिया से कहा कि खुशी की उम्र बिकरू कांड वाले दिन तक 16 साल 11 महीने थी। एफिडेविट के साथ उसके हाई स्कूल की सर्टिफिकेट भी लगाई गई है जिसमें उसकी 21 अगस्त 2003 की बर्थ डेट बताई गई है।
खुशी के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी नाबालिग बेटी को बिकरू कांड में घसीटा है। वह इतनी होशियार और बालिग नहीं है कि गैंग्स्टर के साथ मिलकर इतने बड़े कांड को अंजाम दे सके। अगर उसने गुनाह किया भी है तो उसे जुवेनाइल की तरह ट्रीट किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बिकरू कांड के 9 दिन पहले ही खुशी की अमर के साथ शादी हुई थी।
सरकारी वकील राजीव पोरवाल ने इस मामले पर कहा कि खुशी की फाइल को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को भेजी जाएगी। उसे 8 जुलाई को जेल भेजा गया था उसी दिन उसके पति को एसआईटी के द्वारा गोली मार दी गई थी। वह मध्य प्रदेश भागने की कोशिश कर रहा था उसी समय एसआईटी के साथ मुठभेड़ में मारा गया।