- प्राथमिक स्कूल में पेट के कीड़े मारने की दवाई खाने से दर्जनों बच्चे बीमार
- परिजनों का आरोप, तबियत बिगड़ने पर बच्चों को छोड़कर फरार हो गए स्कूल टीचर
- पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया
Kanpur Food Poisoning: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में प्राथमिक विद्यालय में पेट के कीड़ों को मारने की दवा खाने से पढ़ने वाले बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जिसके बाद बच्चों की तबियत बिगड़ती देख स्कूल प्रशासन के हाथ-पांव फूलने लगे। छोटे बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक स्कूलों में कीड़े मारने की दवा एलमेंडाजोल को खिलाया जा रहा है। इस मुहिम को केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर चला रही है। जिसके चलते कानपुर देहात के प्राथमिक विद्यालयों में भी बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा दी गई, जिसके बाद एकाएक दवा खाने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। कानपुर देहात के अकबरपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित जैनपुर प्राथमिक विद्यालय के करीब एक दर्जन बच्चों की तबीयत खराब होने की सूचना मिलते ही परिजन स्कूल में पहुंच गए। भारी संख्या में स्कूल में पहुंचे परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
परिजनों ने किया हंगामा
अपने अपने बच्चों की बिगड़ती तबीयत को देखकर परिजनों की भी चीख पुकार निकलने लगी। सूचना जैसे ही जिला प्रशासन को मिली वैसे ही प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ भारी पुलिस बल और स्वास्थ्य महकमे की टीम के साथ प्राथमिक विद्यालय पहुंच गई। लेकिन स्कूल में अपने बच्चों की बिगड़ती हुई हालत को देखकर परिजन अपना आपा खो बैठे और लगातार स्कूल प्रबंधन पर जोर जोर से चिल्लाने लगे। हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने आनन-फानन में पहले तो मौके से बच्चों को पुलिस की गाड़ी में भरकर अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की । कानपुर देहात के एक अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराया गया। परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप भी लगाएं। उनका कहना है कि, स्कूल की टीचरों और प्रधानाध्यापक ने मिलकर बच्चों को जबरदस्ती पेट के कीड़े की दवा खिला दी। दवा खिलाने से पहले उनसे एक बार भी पूछा नहीं गया। परिजन यह भी कह रहे हैं कि, बच्चों की तबीयत खराब होते ही स्कूल से तुरंत टीचर और स्टाफ मौके से भाग गया ऐसे हालात में बच्चों की तबीयत पर किसी को तरस नहीं आया।
पुलिस ने अस्पताल पहुंचाए बच्चे
फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मुस्तैदी दिखाते हुए तत्काल प्रभाव से स्कूल पहुंचकर, वहां पर बीमार हुए करीब एक दर्जन बच्चों को अस्पताल पहुंचाकर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई और वहां पर बच्चे डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन में हैं, लेकिन जब हमने इस पर स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि, इस दवा का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है। यह दवा राष्ट्रीय स्तर के अभियान के तहत सभी स्कूल के बच्चों को दी जा रही है और यह दवा पेट में होने वाले कीड़े को मारती है। डॉक्टर ने कहा कि, इसको खाने के कुछ साइड इफेक्ट होते हैं जो की हानिकारक भी नहीं है, जी मिचलाना उल्टी होना व थोड़ा बहुत चक्कर आना यह स्वाभाविक लक्षण है। डॉक्टरों की माने तो उनका कहना है कि, यह दवा पूरी ट्रेनिंग के तहत बच्चों को खिलाई जाएगी।