- कानपुर के गांवों के कारीगरों को प्लेटफॉर्म देगा रेलवे
- रावतपुर, मंधना, उत्तरीपुरा सहित 71 छोटे स्टेशनों के लिए मांगे आवेदन
- घरों में बुनी दरी, मिट्टी के बर्तन, खिलौने जैसे उत्पाद स्टेशनों पर मिलेंगे
Kanpur One Station-One Product: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले गांवों में रहने वाले कारीगरों के लिए राहतभरी खबर है। कानपुर गांवों के दक्ष बुनकर, शिल्पकार और कुम्हार अब अपने उत्पादों को देश के हर कोने तक पहुंचा सकेंगे। रेलवे विभाग ऐसे हुनरमंदों को शानदार मौका देने जा रहा है। इसके तहत गांवों में तैयार होने वाले मिट्टी के खिलौने, बर्तन, दरी और चटाई जैसे उत्पादों का स्टॉल 71 छोटे स्टेशनों पर लगाने को रेलवे ने आवेदन मांगे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के 71 छोटे स्टेशनों पर कारीगर अपने उत्पादों को 15 दिनों तक बेच सकेंगे। रेलवे अफसरों ने बताया कि, एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना के तहत कुशल कारीगरों के उत्पादों को प्लेटफॉर्म देने की खातिर यह सुविधा शुरू की गई है। ट्रेनों से आने और जाने वाले यात्री ग्रामीण कला से रूबरू होंगे।
वहीं गांवों के दक्ष शिल्पकार और कुम्हारों को अपने उत्पाद पूरे देश में पहुंचाने का मौका भी मिलेगा। इसके लिए न्यूनतम किराये की व्यवस्था की गई है। 15 दिनों के लिए रेलवे को एक हजार रुपये किराया देना होगा। यदि दो लोग आवेदन करते हैं तो वरीयता के आधार पर 15-15 दिनों के लिए उन्हें जगह दी जाएगी।
इन स्टेशनों पर कर सकते हैं दुकान के लिए आवेदन
रावतपुर, कल्याणपुर, मंधना, चौबेपुर, बर्राजपुर, उत्तरीपुरा, बिल्हौर, अरौल, जशोदा, कायमगंज, शमशाबाद, फतेहगढ़, कमालगंज, खुदागंज, गुरसहायगंज, बाजपुर सहित पूर्वोत्तर रेलवे के 71 स्टेशनों पर ग्रामीण उत्पादों का स्टॉल लगाने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। एक स्टेशन पर यदि एक ही वस्तु से संबंधित दो लोगों ने आवेदन किया तो वरीयता के आधार पर 15-15 दिनों के लिए उन्हें स्टॉल आवंटित किया जाएगा। इसके लिए एक हजार रुपये किराया देना होगा।
छोटे स्टेशनों पर भी एक स्टेशन एक उत्पाद की योजना प्रभावी
पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर मंडल के पीआरओ राजेंद्र सिंह ने बताया कि, पूर्वोत्तर रेलवे के छोटे स्टेशनों पर भी एक स्टेशन एक उत्पाद की योजना प्रभावी की गई है। इस योजना से गांवों की कला से हर कोई वाकिफ होगा। इससे कारीगरों को उनकी मेहनत के हिसाब से उत्पाद की कीमत मिलेगी।