कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ में शहीद होने वाले आठ पुलिसकर्मियों के नाम पर सड़कें होंगी। उनके मूल स्थानों से जुड़ी सड़कों को अब उनके नाम से जाना जाएगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बिकरू मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों को इस तरह से श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता दिवाकर शुक्ला ने कहा, 'ड्यूटी के दौरान शहीद हुए बीकरू शहीदों के नाम पर उनके पैतृक स्थानों की सड़कों का नामकरण करने के फैसले को सरकार ने मंजूरी दे दी है।'
पीडब्ल्यूडी अधिकारी के अनुसार, आगरा, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, बांदा, झांसी, मथुरा और रायबरेली जैसे सभी जिलों में सड़क परियोजनाओं की पहचान की गई है, जहां से शहीद पुलिसकर्मी संबंध रखते थे।
दरअसल, तीन जुलाई को कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू गांव में कुख्यात अपराधी विकास दुबे से मुठभेड़ में एक पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र कुमार मिश्रा और तीन उप-निरीक्षकों (सब इंस्पेक्टर) महेश चंद्र यादव, अनूप कुमार सिंह, नेबू लाल सहित कुल आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में सिपाही (कांस्टेबल) सुल्तान सिंह, राहुल, बबलू और जितेंद्र भी शामिल थे। अब शासन ने उनके गांव या क्षेत्र से जुड़ी सड़कों का नाम इन शहीद पुलिसकर्मियों के नाम करने का निर्णय लिया है।
एक ग्रामीण की हत्या के प्रयास के आरोपी खूंखार गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम वहां गई थी। बिकरू गांव में पहुंचते ही उन पर गैंगस्टर और उनके सहयोगियों ने हमला बोल दिया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'ये सड़कें शहीद सैनिकों के नामों और अन्य आवश्यक विवरणों का उल्लेख करेंगी। इस विचार का उद्देश्य दूसरों को प्रेरित करने की उम्मीद में उनके मूल स्थानों को सम्मान देना है।'