कानपुर: ओजस्वी वक्ता एवं कवि, लेखक, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ी घोषणा की है। योगी सरकार ने कानपुर सर्किट हाउस का नाम अटल बिहारी वाजपेयी अतिथि गृह करने का फैसला किया है। आज यानि 25 दिसंबर से कानपुर सर्किट हाउस अटल बिहारी वाजपेयी अतिथि गृह के नाम से जाना जाएगा। इतना ही नहीं, इस परिसर में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा भी लगाई जाएगी।
केशव मौर्या का ट्वीट
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस संबध में जानकारी देते हुए बताया, 'कानपुर का सर्किट हाउस आज से भारत रत्न पंडित अटल बिहारी बाजपेई अतिथि गृह के रूप में जाना जायेगा परिसर में अटल जी की मूर्ति भी लगेगी कानपुर से रहा है अटूट रिश्ता। जयंती पर शत शत नमन !!'
10 बार रहे सांसद
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में आगरा जनपद के प्राचीन स्थान बटेश्वर के मूल निवासी पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में अध्यापक थे। वहीं शिन्दे की छावनी में 25 दिसंबर 1924 को ब्रह्ममुहूर्त में उनकी सहधर्मिणी कृष्णा वाजपेयी की कोख से अटल जी का जन्म हुआ था। छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी 10 बार लोकसभा के सांसद रहे।
कानपुर से रहा है गहरा संबंध
अटल बिहारी वाजपेयी का काफी जीवन कानपुर में बीता। उन्होंने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने अपने पिताजी के साथ-साथ कानपुर में ही एलएलबी की पढ़ाई भी प्रारम्भ की लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये थे। कानपुर से अटल जी का गहरा संबंध रहा।