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कंडम वाहन अब सड़कों से होंगे गायब, कानपुर में 28 स्थानों पर खरीदे जाएंगे पुराने वाहन, परिवहन विभाग ने बनाया ये प्लान

Updated Jun 21, 2022 | 17:07 IST

Kanpur Transport Department: कानपुर में कंडम हो चुके वाहन अब सड़कों पर नहीं दिखाई देंगे। कानपुर में यह कंडम वाहन 28 स्थानों पर खरीदे जाएंगे। इसके बाद इन्हें कबाड़ कर दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने सेंटरों को लाइसेंस देने के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
अब नहीं चलेंगे कंडम वाहन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • कानपुर की सड़कों पर नहीं दिखाई देंगे कंडम वाहन
  • कानपुर में 28 जगह खरीदे जाएंगे कबाड़ वाहन
  • परिवहन विभाग ने सेंटरों को लाइसेंस देने के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने किए शुरू

Kanpur Scrap Vehicles: कानपुर के लोगों के लिए जरूरी खबर है। कानपुर सहित पूरे प्रदेश में अब कंडम वाहन सड़कों पर फर्राटा भरते नजर नहीं आएंगे। 20 साल की उम्र पूरी कर चुके वाहनों को कंडम घोषित किया जाएगा और फिर इन्हें कटवा दिया जाएगा। ऐसे हल्के-भारी और दोपहिया वाहन खरीदने के लिए शहर में 28 स्क्रैप खरीद सेंटर प्रस्तावित किए गए हैं। परिवहन विभाग ने सेंटरों को लाइसेंस देने के लिए ऑनलाइन आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं। कुछ शर्तों या मानकों का पालन करने पर ही लाइसेंस जारी होगा। केंद्रीय मोटरयान अधिनियम के तहत एक अप्रैल से नई स्क्रैप पॉलिसी तय की गई है। इसके लिए एनसीआर क्षेत्र में निजी और कमर्शियल वाहनों की आयु तय कर दी गई है। 

डीजल चालित वाहनों की आयु सीमा पेट्रोल या सीएनजी चालित वाहनों से कम है। इसके पीछे मंशा है कि, पुराने कमर्शियल वाहन प्रदूषण अधिक फैलाते हैं। अभी आयु सीमा पूरी होने के बाद भी वाहन चलते रहते हैं।

शहर में हर साल एक लाख वाहन होंगे कबाड़

परिवहन विभाग के मुताबिक, वर्ष 2032 तक कानपुर में हर साल एक लाख वाहन कबाड़ होंगे। इसमें 50 फीसदी दोपहिया, 36 हल्के वाहन तो 14 फीसदी भारी वाहन होंगे। भारी वाहन के लिए न्यूनतम चार एकड़ जमीन, हल्के वाहनों के लिए तीन एकड़ तो दोपहिया के दो एकड़ जमीन अनिवार्य होगी। वहीं, पुराने वाहनों को कबाड़ करने पर प्रमाणपत्र मिलेगा। प्रमाणपत्र दिखाने पर नई गाड़ी की खरीद पर 25 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट मिल जाएगी। इसके अलावा कबाड़ प्रमाणपत्र पर नए वाहन की खरीद में रोड टैक्स में भी छूट प्राप्त होगी।

जानिए क्या है फिटनेस के नियम

परिवहन विभाग के नियमों के मुताबिक, व्यवसायिक नए वाहन की दो साल के लिए फिटनेस की जाती है। अगर वाहन आठ साल पुराना है तो उसकी हर साल में फिटनेस की जाएगी। इसके अलावा वाहन में तकनीकी खराबी है तो संभागीय निरीक्षक प्राविधिक यह तय करेंगे कि वाहन फिटनेस के लायक है या नहीं है। निजी वाहनों की 15 साल में फिटनेस का प्रावधान है। कानपुर आरटीओ राजेश सिंह ने बताया कि, स्क्रैप खरीद सेंटर के लिए मुख्यालय ने ऑनलाइन आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं। प्रस्तावित नए स्क्रैप सेंटर खोलने के हिसाब से आवेदन नहीं हुए हैं।

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