- कानपुर के सुपर स्पेशियलिटी में इलाज कराने आने वाले मरीजों को करनी होगी जेब ढीली
- जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई को भी हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड से चलाने की तैयारी
- हैलट के प्राइवेट वार्ड-50 को भी इसी सिस्टम से चलाया जाएगा
Multi Super Speciality in Kanpur: यूपी के कानपुर में सुपर स्पेशियलिटी इलाज चाहने वालों से जड़ी यह बड़ी खबर है। अब इस सरकारी अस्पताल में भी मरीजों को जेब ढीली करनी पड़ेगी। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल लखनऊ की तर्ज पर जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई को भी हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) से चलाने की तैयारी की जा रही है। इसी सिस्टम से हैलट के प्राइवेट वार्ड-50 को भी चलाया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध पीजीआई में शहर वासियों को फिलहाल हैलट की तरह एक रुपये के पर्चे पर इलाज मिल रहा है। आने वाले समय में यह व्यवस्था खत्म हो जाएगी। एचआरएफ के जरिए ही सभी मरीजों का उपचार मिलेगा। इसके तहत एक के बजाय सौ रुपये में पर्चा बनेगा। सर्जरी में भी अलग-अलग शुल्क तय किए जाएगें।
इसके अलावा, मरीजों को भर्ती करने के लिए भी अलग से शुल्क देना पड़ेगा। एमआरआई टेस्ट चार हजार रुपये से शुरू होगा। बाकी सभी टेस्ट भी शुल्क देने के बाद ही होंगे। इसके लिए ब्लूप्रिंट बनाने का काम शासन में शुरू कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज ने भी प्रस्ताव पहले ही दे दिया था।
प्राइवेट वार्ड में कमरे, कई तरह के शुल्क देने होंगे
एचआरएफ के तहत प्राइवेट वार्ड-50 में मरीजों को कमरे मिलेंगे पर वहां भी सभी तरह के शुल्क चुकाने होंगे। इनमें नर्सिंग चार्ज, सर्जरी चार्ज, डॉक्टर की विजिट के लिए अलग शुल्क देना पड़ेगा। प्राचार्य प्रो. संजय काला ने भी एचआरएफ सिस्टम को संचालन के लिए बेहतर माना है। नोडल अधिकारी ने माना कि एचआरएफ का मसौदा पाइप लाइन में है। मरीजों से मिलने वाली धनराशि से ही संचालन होगा।
पीजीआई में सभी को सस्ती दवाएं 24 घंटे मिलेंगी
स्पेशियलिटी पीजीआई एचआरएफ से ही मेडिकल स्टोर भी चलाया जाएगा, जहां मरीजों को दवाएं बाजार से सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगी। पीजीआई कंपनियों से सीधे दवा खरीदेगा। आयुष्मान योजना के मरीजों को भी इसी व्यवस्था के तहत इलाज दिया जाएगा। रोगियों को दवाएं 24 घंटे उपलब्ध होंगी। किसी भी पर्चे पर यहां से दवाएं आसानी से ली जा सकेंगी।