- कानपुर शहर में मल्टी सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल बनकर तैयार है
- मल्टी सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज आसानी से हो सकेगा
- मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में थ्री टेक्सला एमआरआई मशीन को ट्रायल के रूप में शुरू किया गया है।
Multi Super Specialty Hospital: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में बनकर तैयार मल्टी सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज आसानी से हो सकेगा। लेकिन अभी लोगों को इसके लिए लगभग एक वर्ष तक का इंतजार करना पड़ सकता है। कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला से प्राप्त हुई सूचना के अनुसार एक वर्ष तक इस अस्पताल में आईपीडी नहीं कर सकेंगे। वहीं ओपीडी का लक्ष्य लगभग 20 हजार है उसे पूरा करने की पूरी कोशिश की जा रही है। कानपुर के मरीजों को अब अन्य शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजन के तहत कानपुर के हैलट परिसर में बने मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में थ्री टेक्सला एमआरआई मशीन को ट्रायल के रूप में शुरू किया गया है।
इस मशीन का ट्रायल अभी तक एक महीने से नहीं हो सका है। इस मशीन की सुविधाएं अगस्त के पहले सप्ताह से जनता को मिलनी शुरू हो जाएंगी। इस मशीन को संचालित करने के लिए स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जांच करने के लिए अस्पताल में हाईटेक विदेशी मशीनें लगाई गई हैं। जिनके लिए ऑपरेटर को सिखाया जा रहे है।
अस्पताल में है अभी कुछ कमियां
कानपुर हैलट के बन चुके सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अभी बहुत सी कमियां है। अस्पताल में न तो ओटी में टेबल है और न ही महंगी वाली एंडोस्कोपी वाली मशीने आई हैं। वहीं अस्पताल के नोडल अफसर डॉ. मनीष सिंह दावा करते है कि अस्पताल में सब कुछ तय हो चुका है अब इसका किसी बड़े राजनीतिक नेता से उद्घाटन होना है।
होगी कर्मचारियों की नियुक्ति
कानपुर मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों की बहुत कमी है वहीं डॉक्टर की भी कमी है जिसके कारण एक डॉक्टर को 15 से 20 मरीज देखने पड़ रहे है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि जल्द ही इस समस्या से मेडिकल कॉलेज को मुक्ति मिलेगी। इसके लिए हम लोगों ने कैबिनेट में मैन पावर फार्मूला अप्रूव कर दिया है। जिसका जियो जल्द ही जारी होगा। प्राचार्य ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अधिक निवेश की भी मिलने की संभावना है। जिससे मेडिकल कॉलेज को और भी बेहतर किया जा सकेगा।