- 10 जुलाई को एनकाउंटर में मारा गया था गैंगस्टर विकास दुबे
- 9 जुलाई उज्जैन में महाकाल मंदिर में किया गया था गिरफ्तार
- विकास दुबे एनकाउंटर को लेकर कई सवाल भी उठे, लोगों ने इसे फेक बताया
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) द्वारा एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी मौत गोली लगने के बाद खून बहने और शॉक की वजह से हुई। उसके शरीर में तीन गोलियां लगीं। शरीर पर दस चोटों के निशान थे। पहली गोली उसके दाहिनी बाजू के कंधे पर और दो अन्य उसकी छाती में बाईं ओर लगीं। उसके शरीर पर सिर, कोहनी, पसली और पेट पर चोट के निशान थे। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे 10 जुलाई को कानपुर एनकाउंटर मामले में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था।
विकास दुबे को उज्जैन में मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 जुलाई को गिरफ्तार किया था। वह भाग रहा था और महाकाल मंदिर में पूजा करने के लिए शहर आया था। इसके बाद एमपी पुलिस ने उसे पुलिस पुलिस को सौंप दिया। मध्य प्रदेश से कानपुर लाते समय जिस गाड़ी में विकास दुबे बैठा हुआ था वो पलट गई। इसी दौरान उसने भागने की कोशिश की, जिसमें वो मारा गया।
सरकार ने कहा- फेक नहीं था एनकाउंटर
इस एनकाउंटर को लेकर यूपी पुलिस पर खूब सवाल उठे। इस पर सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि विकास दुबे ने पुलिस वालों पर 9 राउंड गोलियां चलाईं थीं और आत्मरक्षा करते हुए पुलिस ने यह एनकाउंटर किया जो फेक नहीं था। सरकार की तरफ से कहा गया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया जा चुका है। हलफनामे में कहा गया कि बारिश और तेज गति की वजह से वाहन पलट गया था जिसमें पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसी दौरान विकास ने मौके का फायदा उठाते हुए पुलिस कर्मियों की पिस्तौल छीन ली और भागने लगा। जब उसे आत्मसमर्पण करने के लिए बोला गया तो उसने ऐसा मना कर दिया जिसके बाद पुलिस ने मजबूरी में अपनी आत्मरक्षा के लिए गोली का इस्तेमामल किया।