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States First STEM Lab: कानपुर के लोगों के लिए अच्छी खबर, हैलट के ब्लड बैंक में बनेगी प्रदेश की पहली स्टेम लैब

Updated May 26, 2022 | 16:52 IST

States First STEM Lab: कानपुर के जिला अस्पताल हैलट के ब्लड बैंक में प्रदेश की पहली स्टेम लैब का निर्माण किया जाएगा। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जल्द ही मरीजों को लैब का फायदा मिलेगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
हैटल अस्पताल में बनेगी प्रदेश की पहली स्टेम लैब (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • कानपुर के मरीजों को बड़ी राहत
  • अब कानपुर में हैलट के ब्लड बैंक में बनेगी प्रदेश की पहली स्टेम लैब
  • जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी बनेंगी स्टेम सेल की चार लैब

States First STEM Lab: कानपुर जिले के हैलट के ब्लड बैंक में उत्तर प्रदेश की पहली स्टेम सेल लैब बनेगी। इसी में कल्चर लैब भी होगी ताकि एक से स्टेम सेल लेकर उसे लैब में ग्रो किया जाए। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि इसका ब्लूप्रिंट तैयार करके शासन को भेज दिया गया है। प्रधानमंत्री की स्किल डेवलपमेन्ट योजना के तहत ही लैब बनाई जाएगी। यहां पर देशभर के डॉक्टरों को रिजेनेरेटिव मेडिसिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टेम सेल विशेषज्ञ डॉ. बीएस राजपूत यहां पर अपना सहयोग दे रहे हैं। जल्द ही एनएमसी को सुपर स्पेशियलिटी कोर्स और फेलोशिप के लिए आवेदन किया जाएगा।

आपको बता दें कि कानपुर का गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज होगा, जिसमें अलग से स्टेम सेल थेरेपी का विभाग बनाया जाएगा। लेकिन हैलट के ब्लड बैंक में प्रदेश की पहली स्टेम सेल लैब बनेगी। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।

कॉलेज में भी बनेंगी स्टेम सेल की चार लैब 

गौरतलब है कि कानपुर में स्टेम सेल के दायरे को बढ़ाने और रोगियों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। अब कॉलेज में ही स्टेम सेल की चार लैब बनेंगी। स्टेम सेल थेरेपी का विभाग जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और लैब हैलट परिसर स्थित ब्लड बैंक के ऊपरी तलों पर बनाए जाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव के मुताबिक, सात करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे जाने हैं। 

ओपीडी के साथ सर्जरी की सुविधा को बढ़ाया जाएगा

दूसरी तरफ वर्चुअल मीटिंग के जरिए बुधवार को शासन ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को हैलट की ओपीडी बढ़ाने के साथ सर्जरी के केस ज्यादा करने के निर्देश दिए। कहा गया कि अब कोरोना सुस्त पड़ गया है इसलिए हैलट में मरीजों के इलाज के लिए सारा फोकस किया जाए। चिकित्सा शिक्षा की विशेष सचिव शुभ्रा सक्सेना वर्चुअल मीटिंग में प्राचार्य प्रो.संजय काला, उप प्राचार्य प्रो.रिचा गिरि, एसआईसी प्रो.आरके मौर्या से रूबरू हुईं। उन्होंने कहा कि कोरोना सुस्त पड़ गया है इसलिए सबकुछ पहले जैसा किया जाए। ओपीडी बढ़ाई जाए। मरीजों को सुविधाएं मिलें। डॉक्टर मरीजों से संवाद कर उनके दर्द को ठीक करें।

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