- अब 15 जून के बाद शुरू होगा जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई
- पहले 24 मई को शुरू करने की थी योजना, काम नहीं हुआ पूरा
- पीजीआई के लिए अभी तक डॉक्टर और स्टॉफ की तैनाती नहीं
Hallet Hospital: उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच हैलट अस्पताल में बनकर तैयार जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई को शुरू नहीं किया जाएगा। शनिवार को अवकाश को ब्रेक कर लौटे प्राचार्य प्रो.संजय काला ने शासन को साफ किया कि, पीजीआई को 15 जून के बाद ही शुरू कराया जा सकता है। अधूरेपन में शुरू करने से बाद में सवाल उठ सकते हैं। साथ ही अभी तक निर्माण एजेंसी हाइड्स से हस्तांतरण भी नहीं हुआ है। शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग के तहत विशेष सचिव शुभ्रा सक्सेना ने 24 मई से पीजीआई को हर हाल में शुरू करने के निर्देश दिए थे।
सुबह जब प्राचार्य प्रो. काला आए तो उन्होंने प्रमुख सचिव से कहा कि, पीजीआई के लिए अभी तक डॉक्टर और स्टॉफ की तैनाती तक नहीं हुई है। बिल्डिंग हस्तांतरण करने के लिए डीएम और पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है। ऐसे में पीजीआई को शुरू किया तो मुश्किलें बढ़ सकती हैं इसलिए तैयारियां कर ली जाएं।
पीजीआई 15 जून के बाद शुरू करने का समय मांगा गया
प्राचार्य प्रो.संजय काला ने 15 जून के बाद पीजीआई को शुरू करने की दलील दी है ताकि बाद में सभी औपचारिकताएं पूरीं हो जाएं। प्राचार्य प्रो. काला ने कहा कि, शासन से पीजीआई 15 जून के बाद शुरू करने का समय मांगा गया है। अभी इसे चलाया जाना संभव नहीं है। गौरतलब है कि, सुपर स्पेशियिलिटी पीजीआई में मरीजों को कॉस्मेटिक्स, रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सीय सुविधाएं मरीजों के लिए उपलब्ध होंगी। यहां हादसों में घायल होने वालों के अंगों को जोड़ा जाया करेंगे, इसके अलावा पूरा चेहरा भी बदलने की सुविधा मिलेगी।
कैंसर की सुविधाएं मिलेंगी
आपको बता दें कि, जॉर्जिना मैकरॉबर्ट हॉस्पिटल में अब मल्टी सुपर स्पेशियलिटी विंग में कैंसर की उच्च स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। ऐसे में मरीजों को लखनऊ, मुंबई या अन्य शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा यहां पर नया न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग भी खुलेगा। इस विभाग में गुर्दे की सबसे सटीक न्यूक्लियर मेडिसिन जांच आसानी से होगी। रोगियों के ठहरने के लिए बनेगा गेस्ट हाउस। गौरतलब है कि, यह जांच अभी तक सिर्फ एसजीपीजीआई के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में की जाती है, यहां यह सुविधा मिलने से रोगियों का आने-जाने का खर्च बचेगा साथ ही समय की भी बचत होगी।