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Kanpur crime: कानपुर के दो बड़े कांड का बड़ा असर, एसएसपी दिनेश कुमार पी पर गिरी गाज

Updated Jul 26, 2020 | 00:48 IST

कानपुर में दो बड़ी घटनाओं का असर अब कानपुर पुलिस पर दिखाई दे रहा है। शासन ने कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी को हटा दिया है। इसके साथ कुल 15 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं।

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कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी हटाए गए
मुख्य बातें
  • कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी हटाए गए
  • कानपुर के दो बड़े कांडों का असर
  • कानपुर में विकास दुबे के बाद संजीत यादव हत्याकांड के बाद पुलिस की हुई किरकिरी

लखनऊ। जुलाई के महीने में यूपी पुलिस महकमे पर दो बड़े दाग लगे। कानपुर का 2 जुलाई बिकरू कांड यानि विकास दुबे हत्याकांड को कौन भूल सकता है। इसके बाद एक लैब टेक्निशियन की हत्या हो जाती है। इन दोनों घटनाओं में एक साझा आरोप लगा है कि कहीं न कहीं पुलिस की मिलीभगत या लापरवाही थी। इस सिलसिले में कार्रवाई करते हुए कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी को हटा दिया गया है। कुल 15 आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं। अब डॉ प्रीतिंदर सिंह कानपुर के नए पुलिस अधीक्षक होंगे।  

बिकरू में 8 पुलिस वाले हुए थे शहीद
कानपुर में 2 जुलाई को जब बिकरू गांव में आठ पुलिकर्मियों की हत्या हुई उसके बाद यूपी पुलिस की जबरदस्त किरकिरी हुई। चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी और इंस्पेक्टर के के शर्मा पर सवाल उठे थे। शुरुआती जांच के बाद उन दोनों लोगों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया और अब वो गिरफ्तार हैं। इसके साथ ही चौबेपुर थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया था। इस तरह की खबरें भी थीं कि कानपुर के एसएसपी को जिस तत्परता से कार्रवाई करना चाहिए था उसमें कहीं चूक गए। 

संजीत यादव हत्या में पुलिस पर उठे सवाल
इस घटना के बाद कानपुर के बर्रा से हैरान करने वाली खबर आई। एक लैब टेक्निशियम संजीत यादव की फिरौती के लिए हत्या कर दी जाती है। हैरान करने वाली जानकारी यह रही कि पीड़ित परिवार की तरफ से फिरौती की 30 लाख की रकम दे दी गई थी उसके बाद भी संजीत की हत्या कर दी गई और उसकी लाश पांडू नदी से बरामद हुई। पीड़ित परिवार का कहना था कि उसने आलाअधिकारियों से लेकर थाने तक  के चक्कर लगाए। लेकिन उनके साथ जो कुछ वो सबके सामने है। इस मामले में एक आईपीएस समेत 11 पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का कहना है कि संगठित अपराध के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही है और किसी को अपराध या उसमें भागीदार होने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। 

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