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कोरोना की जंग: तो ये है भारतीयों की बेहतर इम्युनिटी का राज  

श्वेता सिंह | सीनियर असिस्टेंट प्रोड्यूसर
Updated Jul 18, 2020 | 19:01 IST

कोरोना महामारी चीन से निकलकर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुकी है। विश्वभर में इसका कोहराम मचा है, लोग त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन भारत में इस बीमारी से मृत्युदर कम और ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है।

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कोरोना वायरस में इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएं (Source: Pixabay)
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस से बचने का एक ही उपाय है स्ट्रांग इम्यूनिटी
  • कोरोना महामारी चीन से निकलकर पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुकी है
  • भारत में इस बीमारी से मृत्युदर कम और ठीक होने की दर लगातार बढ़ रही है

कोरोना वायरस के चंगुल से बचने का अगर कोई उपाय है, तो वो इम्युनिटी। रोग-प्रतिरोधक क्षमता जितनी अधिक होगी, कोरोना से जंग में विजय उतनी आसान होगी। आखिरकार अब इस राज से पर्दा हट चुका है कि आखिर क्यों भारतीयों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अधिक मजबूती दिख रही है।

भारतीयों की कोशिकाओं (CELL)में है जादू

कोरोना का कहर भारत में भी दिख रहा है। भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद दुनिया में कोरोना संक्रमित देशों की लिस्ट में तीसरे स्थान पर है। इसके बावजूद यहां लोगों के ठीक होने की दर अधिक और मरने का आंकड़ा बाकी देशों के मुकाबले बहुत कम है। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में हुए एक शोध से पता चला है कि भारतीयों की कोशिकाओं में स्थित माइटोकांड्रिया ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारतीयों का हौसला बढ़ा रही है। इसे कोशिकाओं का पावर हाउस कहा जाता है। कोरोना वायरस जब शरीर में हमला करता है, तो वो सीधे इसी से टकराता है।

तो इसलिए है भारत में मृत्युदर कम

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉक्टर ज्ञानेश्वर चौबे ने अपनी रिसर्च में इस बात का खुलासा किया कि जिन देशों में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या अधिक और मौत दर कम है, वहां के लोगों की कोशिकाओं में माइटोकांड्रिया पाया जाता है। शोधकर्ता डॉक्टर चौबे ने कहा कि 70 फीसदी भारतीयों में माइटोकांड्रिया पाया जाता है।

वनवासी हैं सबसे अधिक मजबूत

शोध में डॉक्टर द्वारा इस बात का भी खुलासा हुआ कि जंगलों में रहने वाले 90 प्रतिशत लोगों में माइटोकांड्रिया पाया जाता है। इसके बाद उत्तर और दक्षिण भारत के लोगों में 70 प्रतिशत और पश्चिमी भारत में 50 प्रतिशत पाया जाता है।

तो क्या सच में कोरोना हो जाएगा खत्म !

आपको ये जानकर हैरानी और खुशी दोनों होगी कि प्रोफेसर चौबे के शोध से ये भी पता चला है कि अगर कोरोना वायरस के हमले को माइटोकांड्रिया पर होने से रोक दिया जाए, तो इस महामारी से निजात मिल सकती है। एक और शोध से इसकी पुष्टि हुई है। अलबामा यूनिवर्सिटी के डाक्टर जेक चेन और बिरला इंस्टीट्यूट राजस्थान के डॉक्टर प्रशांत सुरावंझाला की संयुक्त रिसर्च भी यही कहती है।

वैसे भी कहते हैं कि हर समस्या का समाधान है। आज पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है, अगर इन शोधकर्ताओं की बात सच साबित हुई, तो कोरोना का खात्मा निश्चित है।