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Eid Mubarak 2022 Wishes, Shayari: ईद की बेशुमार दिली मुबारकबाद देने के लिए देखें खूबसूरत कोट्स, विशेज और फोटोज

Updated May 03, 2022 | 13:32 IST

Eid Mubarak 2022 Wishes Shayari in Hindi, Happy Eid ul Fitr 2022 Wishes Hindi, Shayari, Images, Quotes: ईद का पर्व 03 यानी आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर आप इन तस्वीरों और संदेशों के जरिए बधाई संदेश भेज सकते है।

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Eid ul-Fitr Wishes , ईद मुबारक विशेज
मुख्य बातें
  • ईद मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार होता है
  • देश में ईद 3 मई यानी मंगलवार को मनाई जाएगी
  • यह त्योहार प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है

Eid Mubarak 2022 Wishes Shayari in Hindi, Happy Eid ul Fitr 2022 Wishes Hindi, Shayari, Images: मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा पर्व ईद होता है, जो आज पूरे धूमधाम से भारत में मनाया जा रहा है। 03 मई यानी आज ईद पड़ रही है। यह त्योहार प्रेम और भाईचारे का प्रतीक रहा है। इस पर्व का लोग बेसब्री से इंताजर करते हैं। रमजान का महीना खत्म हो गया है और मीठी ईदी मनाई जा रही है। इस मौके पर लोग एक-दूसरे से गले मिलकर प्यार देते हैं और खुशी का इजहार करते हैं। ईद मनाने के लिए लोग काफी दूर-दूर से अपनों के पास पहुंचते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो किसी कारण ईद मनाने के लिए अपनों के पास नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में आप उन्हें इन मैसेज, कोट्स फोटोज, शायरी के जरिए ईद की मुबारकबाद भेज सकते हैं। 

ईद का दिन है गले आज तो मिल ले जालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौका भी है दस्तूर भी है
(कमर बदायुनी)

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है ईद का दिन आज तो लग जाओ गले से
जाते हो कहां जान मिरी आ के मुकाबिल
(मुसहफी गुलाम हमदानी)

जो लोग गुजरते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
(ओबैद आजम आजमी)

ईद के बाद वो मिलने के लिए आए हैं
ईद का चांद नजर आने लगा ईद के बादॉ
अज्ञात

वादों ही पे हर रोज़ मिरी जान न टालो
है ईद का दिन अब तो गले हम को लगा लो
(मुसहफी गुलाम हमदानी)

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शहर खाली है किसे ईद मुबारक कहिए
चल दिए छोड़ के मक्का भी मदीना वाले
(अख्तर उस्मान)

महक उठी है फजा पैरहन की खुशबू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
(मोहम्मद असदुल्लाह)

ईद को भी वो नहीं मिलते हैं मुझ से न मिलें
इक बरस दिन की मुलाकात है ये भी न सही
(शोला अलीगढ़ी)

राहतों से लगे सदमे भी हैं
दिल को मजबूत बना कर रखिए
ईद का दिन है गले मिल लीजे
इख्तिलाफात हटा कर रखिए
(अब्दुल सलाम बंगलौरी)

ईद में ईद हुई ऐश का सामां देखा
देख कर चांद जो मुंह आप का ऐ जां देखा
(शाद अजीमाबादी)

आई ईद व दिल में नहीं कुछ हवा-ए-ईद
ऐ काश मेरे पास तू आता बजाए ईद
(शैख जहूरूद्दीन हातिम

किसी की याद मनाने में ईद गुजरेगी
सो शहर-ए-दिल में बहुत दूर तक उदासी है
(इसहाक विरदग)

ईद तू आ के मेरे जी को जलावे अफ्सोस
जिस के आने की खुशी हो वो न आवे अफ्सोस
(मुसहफी गुलाम हमदानी)

आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है
राग है मय है चमन है दिलरुबा है दीद है
(आबरू शाह मुबारक)

उस मेहरबां नजर की इनायत का शुक्रिया
तोहफा दिया है ईद पे हम को जुदाई का
(अज्ञात)