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भारतीयों के लिए भूटान घूमना हुआ महंगा, जानें कितना देना होगा पैसा

Updated Sep 24, 2022 | 13:02 IST

भूटान जाने वाले भारतीय पर्यटकों को अब 1200 रुपए प्रति दिन अदा करना होगा। जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए यह राशि 200 डॉलर प्रतिदिन है।

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भारतीय पर्यटकों के भूटान दर्शन के लिए देने पड़ेंगे 1200 रुपए
मुख्य बातें
  • भारतीय पर्यटकों के लिए भूटान जाना हुआ महंगा
  • देने होंगे 1200 रुपए प्रतिदिन
  • भूटान जाने वालों में भारतीय पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा

कोविड 19 से दुनिया उबर रही है। तमाम तरह के प्रतिबंधों में ढील दी जा चुकी है। पर्यटक अब अपने मनपसंद देशों और जगहों पर आ जा सकते हैं। दुनिया भर के अलग अलग मुल्कों में पर्यटक दस्तक देते हैं जिनमें से भूटान एक है। हिमालय से घिरा हुआ इस देश की प्राकृतिक छंटा पर्यटकों को अपनी तरफ मोहित करती है। भूटान ने 23 सितंबर से अपने देश को पर्यटकों के लिए खोल दिया है। भारतीय पर्यटकों के लिए भूटान एक पसंदीदा पर्यटन स्थल पहले से रहा। पहले कोई भी भारतीय पर्यटक सिर्फ परमिट और वोटर आईडी के जरिए दाखिल हो सकते थे। लेकिन भूटान की प्राकृतिक छंटा देखने के लिए न्यूनतम फी अदा करनी होगी।

इतना करना होगा भुगतान
भूटान टूरिज्म काउंसिल के मुताबिक अब भारतीय पर्यटकों को 1200 रुपए प्रतिदिन अदा करना होगा जबकि गैर भारतीय पर्यटकों को 200 डॉलर प्रतिदिन अदा करना होगा। करीब आठ लाख की आबादी वाले इस देश में 50 हजार से अधिक लोग पर्यटन से जुड़े हैं जो इस देश की अर्थव्यवस्था का मूल आधार है। कोविड ने जब अपने पांव पसारे तो उसकी वजह से पर्यटन से आने वाले राजस्व में करीह 41 फीसद की कमी आई थी। 

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'उच्च मूल्य, कम मात्रा हमारा लक्ष्य'
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में कुल 29, 812 पर्यटकों ने भूटान का दौरा किया था जिसमें 22,298 पर्यटक भारत से थे।  भारत-भूटान की सीमा को 23 सितंबर को खोला गया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए पवित्र दिन है।यह हमारे लिए नई शुरुआत होती है।  भूटान पर्यटन परिषद के महानिदेशक दोरजी ध्रधुल ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए हमारी रणनीति हमें 'उच्च मूल्य, कम मात्रा' पर्यटन की अपनी जड़ों में वापस लाती है, जहां हम अपने लोगों, संस्कृति, मूल्यों और पर्यावरण की रक्षा करते हुए पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करते हैं। पर्यटन एक रणनीतिक और मूल्यवान राष्ट्रीय संपत्ति है जो न केवल इस क्षेत्र में काम करने वालों को बल्कि सभी भूटानियों को भी प्रभावित करती है। भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए इसकी स्थिरता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।