- 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान बना।
- 26 जनवरी ,2022 को 73वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।
- इस मौके पर हर साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है।
Happy Republic Day 2022 Wishes Images, Quotes, Status, Messages, Photos: 26 जनवरी, 2022 के दिन हर एक भारतवासी 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर हर साल राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है। हालांकि, ऐसा पहली बार होगा जब गणतंत्र दिवस की परेड निर्धारित समय से आधा घंटा देरी से शुरू होगी। गौर हो कि साल 1950 में 26 जनवरी को ही भारतीय संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ था। लिहाजा, इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में हम मनाते हैं।
आप इस मौके पर अपनों दोस्तों , परिजनों को गणतंत्र दिवस की बधाई दे सकते हैं, शुभकामना संदेश भेज सकते है। हम आपके लिए खास संदेश और तस्वीरें लेकर आए है जिनके जरिए आप बधाई संदेश भेज सकते हैं।
गणतंत्र दिवस की बधाई, गणतंत्र दिवस के शुभकामना संदेश
फ़ना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है, पूछकर की नहीं जाती
इस दिन के लिए वीरों ने अपना खून बहाया है,
झूम उठो देशवासियों गणतंत्र दिवस आया है।
हार्दिक शुभकामनाएं।
ना जियो घर्म के नाम पर,
ना मरों धर्म के नाम पर,
इंसानियत ही है धर्म वतन का
बस जियों वतन के नाम।
इंडियन होने पर करिए गर्व,
मिलके मनाएं लोकतंत्र का पर्व,
देश के दुश्मनों को मिलके हराओ,
घर घर पर तिरंगा लहराओ।
जय हिन्द जय भारत।
आओ तिरंगा लहराये, आओ तिरंगा फहराये,
अपना गणतन्त्र दिवस है आया, झूमे, नाचे, ख़ुशी मनाये.
गणतंत्र दिवस 2022 की शुभकामनाए
जिनके कारण ये दिन आता है,
वो माँ खुशनसीब होती है
बलिदान जिनके बच्चो का
देश के काम आता है
वीरों के बलिदान की कहानी है ये
मां के कुर्बान लालों की निशानी है ये
यूं लड़ लड़ कर इसे तबाह मत करना
देश कीमती है इसे नीलाम न करना।
Happy Republic Day 2022
कोई पूछे कोन हो तो गर्व से कहेंगे,
भारतीय है हम।
हैप्पी गणतंत्र दिवस 2022
ना पूछो जमाने से कि
क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो बस
इतनी है कि हम सब हिन्दुस्तानी हैं।
गणतंत्र दिवस की बधाई
सही गणतंत्र तभी बनता है
जब संविधान से निकलकर आम
लोगों की जिन्दगी में शामिल हो जाए
आओ कुछ ऐसा कर दिखाएं कि सबको
हम पर मान हो जाए।
गणतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 2022
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
लाल चन्द फ़लक
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
फ़िराक़ गोरखपुरी
उगते सूरज और चांद में जब तक है अरुणाई
हिन्द महासागर की लहरों में जबतक तरुणाई
वृद्ध हिमालय जब तक सर पर श्वेत जटाएं बांधे
भारत की गणतंत्र पताका रहे गगन पर छाई
(हरिवंश राय बच्चन)
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अंधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
(जावेद अख्तर)
वतन के जां-निसार हैं वतन के काम आएंगे
हम इस ज़मीं को एक रोज आसमां बनाएंगे
(जाफर मलीहाबादी)
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसितां हमारा
यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी नाम-ओ-निशां हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा
(अल्लामा इकबाल)
दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फत
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आएगी
(लाल चंद फलक)
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी
(फिराक गोरखपुरी)
क्यूं जाए 'नज्म' ऐसी फ़ज़ा छोड़ कर कहीं
रहने को जिस के गुलशन-ए-हिन्दोस्तां मिले
(नज्म आफंदी)
वतन की सर-ज़मीं से इश्क़ ओ उल्फ़त हम भी रखते हैं
खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं
(जोश मलसियानी)
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
(बिस्मिल अजीमाबादी)
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियां रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा
(अज्ञात)