- बच्चों को कोविड-19 के बारे में इस तरह बताएं।
- इस संकट के बारे में मां-बाप अपने बच्चों से बात करते वक्त खास सावधानी बरतें।
- कोरोना वायरस को लेकर बच्चों को डराए नहीं।
कोरोना वायरस की वजह से कई माता-पिता अपने बच्चों को लेकर फ्रिकमंद है। कई ऐसे माता-पिता हैं जो इस संकट के बारे में अपने बच्चों से खुलकर बात नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिसे माता-पिता आजमा सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जब बच्चों से बात करें तो उन्हें क्या बताना चाहिए या क्या नहीं, इस बारे में जरूर ध्यान रखें। इसके अलावा बच्चों को कोरोना वायरस को लेकर सावधानी बरतने की सलाह जरूर दें।
भरोसे में रेखें बच्चों को
कोरोना को लेकर जब भी बच्चों से बात करें तो सबसे पहले उन्हें भरोसा दिलाया जाए कि सब ठीक है। इस बीमारी के खतरे को देख बच्चे डर सकते हैं। ऐसे में उन्हें सावधानी बरतने की सलाह दें। इस वायरस से अब तक कई लोगों की मौत हो गई है, लेकिन इसकी जानकारी बच्चों से बिल्कुल भी शेयर न करें। आंकड़े जानने के बाद बच्चे डर सकते हैं। इसलिए बच्चों को इस वायरस से बचने का उपाय बताएं, जिसे वह अपनी डेली रूटीन में शामिल कर सकें। उन्हें बताएं कब और कितनी देर में अपने हाथों को साफ करते रहना है या फिर बाहर जाकर मास्क का इस्तेमाल करना है। बच्चों को यह बताएं कि आप सब ठीक रहेंगे। कुछ लोग बीमार होंगे लेकिन आप ठीक रहेंगे।
बच्चों को हर वक्त रखें हाइजीन
बच्चों से बात करने के साथ-साथ उनपर नजर भी बनाए रखें। बच्चों को बताएं कि अगर वह खुद को हाइजीन रखेंगे तो खुद भी स्वस्थ्य रह सकते हैं। जैसे उन्हें पता होना चाहिए कब और कितनी देर में उन्हें अपने हाथों को धोना है। समय-समय पर बच्चों को याद दिलाने से वह खुद को हाईजीन रखने के लिए प्रैक्टिस में रहेंगे। एक बार प्रैक्टिस में आने के बाद बच्चों को वायरस के बारे में बताने की जरूरत नहीं होगी।
इस वायरस को लेकर अपडेट रहें और बीमार बच्चों को घर पर ही रखें
इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। ऐसे में माता-पिता कोरोना वायरस को लेकर अपडेट रहें। अगर बच्चे को नॉर्मल सर्दी और जुकाम भी है तो वह उन्हें घर पर ही रखें। उन्हें स्कूल या फिर बाहर न भेजें। क्योंकि बीमार बच्चों को स्कूल भेजने के बाद वह और भी बीमार होंगे और इससे दूसरे बच्चे भी प्रभावित हो सकते हैं।
बच्चे क्या देख रहे हैं और क्या सुन रहे उस पर भी रखें ध्यान
इस वक्त कोरोना वायरस को लेकर अलग अलग तरह की कई खबरें आ रही हैं। जिसे सुनने या देखने के बाद वह पैनिक हो सकते हैं। ऐसे में ध्यान रहें कि बच्चे टीवी में क्या देख रहे हैं या फिर रेडियो में क्या सुन रहे हैं। अक्सर देखा गया है कि छोटे बच्चे स्कूल से आने के बाद टीवी देखने बैठ जाते हैं। ऐसे में ध्यान रखें कि बच्चे क्या देख रहे हैं। वहीं बड़े बच्चे टीवी की जगह रेडियो सुनना पसंद करते हैं। ऐसे में माता-पिता ध्यान रखें कि बच्चे क्या सुन रहे हैं।
उत्सुक बच्चों के साथ इस तरह करें बात
बच्चे अगर दोस्त या फिर अखबार में कोरोना वायरस के बारे में पढ़ लेते हैं। तो उन्हें आश्वासन दिलाए कि चिंता की कोई बात नहीं है। सब ठीक हो जाएगा। वहीं कुछ ऐसे भी बच्चे हैं, जो सोशल मीडिया के जरिए इस बीमारी के बारे में जान चुके हैं। ऐसे में उन बच्चों के साथ बैठे और शांति से बात करें, उन्हें भरोसा दिलाने की कोशिश करें कि चिंता की कोई बात नहीं है।