- जांघों के बीच में होने वाले रैशेज गर्मी के मौसम की सबसे आम परेशानियों में से एक है।
- गर्मियों का मौसम आया नहीं कि महिलाओं में त्वचा संबंधी सौ परेशानियां शुरू हो जाती हैं।
- जिन महिलाओं की जांघें सामान्य से थोड़ी भारी होती हैं, उन्हें तो और ज्यादा परेशानी होती है।
कई महिलाओं को पीरिड्स के दौरान इंफेशन की समस्या हो जाती है। जाघों के अंदरूनी हिस्से और जननांग के पास रैशेज हो जाते हैं और खुजली होने लगती है। इसका जल्द ही उपचार न किया जाए नहीं तो दर्द भरे दाने उभर जाते हैं।
घंटों पैड पहहने के कारण पसीना सूख नहीं पाता, जिसकी वजह से वहां जर्म्स पैदा हो जाते हैं और स्किन में इंफेक्शन हो जाता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि कुछ बातों का ख्याल किया जाए।
-समय पर पैड को बदलें
पीरियड्स के दौरान पैड बदलने में बिलकुल भी समय खराब न करें। हर 6 घंटे में पैड को जरूर बदलें।
-हाइजीन का रखें ख्याल
महिला को इन दिनों में सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सफाई रखने से किसी भी तरह के जर्म्स नहीं होते हैं।
-सही पैड को चुनें
अच्छे सैनेटरी पैड का प्रयोग करें जो ब्लीडिंग को पूरी तरह से सोख ले और लम्बे समय तक चले, इससे आसपास खून नहीं फैलेगा और रैशेज की संभावना भी कम हो जाएगी साथ ही पैड्स अच्छी क्वालिटी के खरीदे। बड़े बैड का ये मतलब नहीं है आप पूरे दिन उसे चेंज न करें।
-परफेक्ट अंडरवियर खरीदें
कॉटन के अंडरवियर का करें उपयोग। ज्यादा हवा आने के कारण ये पसीना सोक लेता है और इससे रैशेज और इन्फेक्शन होने का चांस कम हो जाता है।
-एंटीसेप्टिक पाउडर का करें इस्तेमाल
पीरियड्स के दिनों में जब भी आप सैनेटरी पैड को बदलें तो जननांगों पर एंटीसेप्टिक पाउडर लगा लें। इससे जननांग सूख जायेंगे और रैशेज की संभावना भी कम हो जायेगी।