- दिल्ली से रेवाड़ी जाती है फेयरी क्वीन
- 1895 में भारत आया था ये इंजन
- गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम
IRCTC की ओर से कई दिलचस्प टूर पैकेज ऑफर किए गए हैं। आप रेल यात्रा के शौकीन हैं तो इनसे अपना टूर प्लान कर सकते हैं। वैसे इन टूर पैकेज में एक बेहद खास है जिसे स्टीम एक्सप्रेस का नाम दिया गया है। इस ट्रेन एक स्टीम यानी भाप वाले इंजन से चलती है जिसके नाम चलती हालत वाले दुनिया के सबसे पुराने स्टीम इंजन होने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। इस इंजन का नाम फेयरी क्वीन है।
जानें Fairy Queen के बारे में
इस इंजन को 1855 में लंदन के लीड्स में तैयार किया था और इसे 1895 में कोलाकाता पहुंचाया गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से इसका नंबर 22 रखा गया था और साथ ही प्यार से नाम दिया गया फेयरी क्वीन। करीब एक दशक तक इसने हावड़ा और रानीगंज के बीच चक्कर लगाए थे और बिहार में कंस्ट्रक्शन के काम में मदद की थी। अगले 34 साल तक ये हावड़ा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के कौतुहल का केंद्र का बनी रही।
1943 से 1997 तक इसे चंदौसी के रेलवे जोनल ट्रेनिंग स्कूल में रखा गया और फिर नई दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित रेल म्यूजियम में भेज दिया गया था। 1972 में इसे हेरिटेज का स्टेटस दिया गया था। फिर पैलेस ऑफ व्हील्स की सफलता के बाद इसे म्यूजियम से निकाल कर टूरिस्ट ट्रेन बना दिया गया था।
Fairy Queen का ट्रिप
ये दिल्ली से रेवाड़ी के बीच चलती है और इसका सफर एक बार जरूर एंजॉय करने वाला है। ट्रेन में दो कोच हैं, एक में 60 यात्रियों के एक बार में बैठने की सुविधा है और दूसरी पेंट्री है।
Boarding Point and Fare of Fairy Queen
फेयरी क्वीन में अगर आप ट्रैवल करना चाहते हैं तो आने-जाने का किराया एक व्यस्क के लिए 6804 रुपये है जबकि 5 से 12 साल तक के बच्चे के लिए ये 3402 रुपये का पड़ेगा।
फेयरी क्वीन से आप एक दिन का टूर कर सकते हैं जो सुबह 9:30 बजे से दिल्ली कैंट स्टेशन से शुरू होता है। ट्रेन दोपहर एक बजे रेवाड़ी पहुंचती है। रेवाड़ी से वापसी शाम 4:15 पर शुरू होती है और 6:15 पर दिल्ली कैंट स्टेशन पर आकर खत्म होता है।
अगर आप इसका टूर जल्दी ही प्लान कर रहे हैं तो 14 मार्च की बुकिंग देख सकते हैं। इसका पैकेज कोड FQ001 है और ये टूरिस्ट सीजन में हर महीने के दूसरे शनिवार को चलती है।