- राखी पर्व सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है
- 2021 में रक्षा बंधन 22 अगस्त को है
- राखी का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा
Rakhi shayari in Hindi: रक्षा बंधन यानी राखी का त्यौहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में शुमार होता है जो सावन मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। आप इस मौके पर इन तस्वीरों और शायरियों के जरिए बधाई संदेश दे सकते हैं। शायरियों के जरिए बधाई देना यकीनन राखी पर बधाई देने का अनूठा अंदाज है जो सबको पसंद आएगा।
Rakhi shayari in Hindi 2021 (राखी की हिंदी शायरी)
किसी के जख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बांधेगा
(मुनव्वर राना)
अयां है अब तो राखी भी चमन भी गुल भी शबनम भी
झमक जाता है मोती और झलक जाता है रेशम भी
तमाशा है अहा हा-हा गनीमत है ये आलम भी
उठाना हाथ प्यारे वाह-वा टुक देख लें हम भी
तुम्हारी मोतियों की और ज़री के तार की राखी
(नजीर अकबराबादी)
Raksha Bandhan Shayari
जिंदगी भर की हिफ़ाज़त की कसम खाते हुए
भाई के हाथ पे इक बहन ने राखी बांधी
(अज्ञात)
राखी का है त्यौहार मोहब्बत की अलामत
(मुस्तफा अकबर)
राखियां ले के सिलोनों की बरहमन निकलें
तार बारिश का तो टूटे कोई साअत कोई पल
(मोहसिन काकोरवी)
तितली ने राखी बांध दी कांटे की नोक पर
(अज्ञात)
bhai behan rakhi shayari
आस्था का रंग आ जाए अगर माहौल में
एक राखी जिंदगी का रुख बदल सकती है आज
(इमाम आजम)
फूलों भरा सदा मिरी बहना का घर रहे
(अज्ञात)
अदा से हाथ उठते हैं गुल-ए-राखी जो हिलते हैं
कलेजे देखने वालों के क्या क्या आह छिलते हैं
कहाँ नाज़ुक ये पहुंचे और कहाँ ये रंग मिलते हैं
चमन में शाख पर कब इस तरह के फूल खिलते हैं
जो कुछ खूबी में है उस शोख-ए-गुल-रुख्सार की राखी
(नजीर अकबराबादी)
या रब मिरी दुआओं में इतना असर रहे
फूलों भरा सदा मिरी बहना का घर रहे
(अज्ञात)
रक्षा बंधन का त्यौहार है
हर तरफ खुशियों की बौछार है
बंधा एक रेशम की डोरी में
भाई-बहन का प्यार है
कच्चा है धागा पर रिश्ते है पक्के
यही होते है भाई-बहन के रिश्ते सच्चे
सावन की रिमझिम फुहार है
रक्षाबंधन का त्यौहार है
भाई बहन की मीठी सी तकरार है
प्यार और खुशियों का त्यौहार है
happy rakhi shayari 2021
अनोखा भी है, निराला भी है
तकरार भी है, प्यारा भी है
अच्छी यादों का पिटारा भी है
ऐसे ही राखी का रिश्ता संवारा है
मन को छू जाती है तेरी हर बात
आंखों से पढ़ लेती हो मेरे जज्बात
राखी बांध हर लेती हो हर सब दुख
जीवन में इससे बड़ा नहीं कोई सुख