- बच्चा अगर अधिक एक्टिव है तो माता-पिता की मुश्किलें काफी बढ़ जाती हैं।
- ADHD के लक्षण से जानें बच्चे का मूड
- हाइपरएक्टिव बच्चों को ऐसे करें हैंडल
किसी भी माता-पिता के लिए मुश्किल तब और बढ़ जाती है, जब उनका बच्चा बहुत अधिक एक्टिव होता है। जब अधिक सक्रियता कई अन्य मनोवैज्ञानिक लक्षणों से जुड़ी होती है, तो उस स्थिति को अटेंशन डेफिसिएंसी हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर कहा जाता है। आमतौर पर ये स्थिति बचपन में होती है, कभी-कभी ये बड़े होने पर भी होती है। एडीएचडी (ADHD) एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जहां एक व्यक्ति मस्तिष्क गतिविधि के सामान्य स्तर से ऊपर है। ये लोग आवेगी (impulsive), अतिसक्रिय (hyperactive) हैं और इन्हें ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
ADHD के लक्षण से जानें बच्चे का मूड
ऐसे बच्चों में कई लक्षण पाए जाते हैं।
- आक्रामकता।
- हिंसात्मक व्यवहार।
- मूड स्विंग होना।
- चिडचिडापन।
- अवसाद और निराशा।
ऐसे करें इन्हें हैंडल
इस तरह के बच्चों को हैंडल करना टेढ़ी खीर जरूर है, लेकिन असंभव नहीं। आप इन्हें हैंडल कर सकते हैं। बस अपनाइए ये टिप्स और इन्हें कीजिए काबू में।
अशांत को शांति से करें शांत- इस तरह के बच्चे बहुत जल्दी अपना आपा खो देते हैं। जैसे ही इनके अनुकूल काम नहीं होता, ये तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं। आसपास की चीजों को तोड़ना, यहाँ तक कि खुद को नुकसान पहुँचाने से भी पीछे नहीं हटते। ऐसे में इनके साथ आप भी अपना आपा मत खोइए। शांति से अपने अशांत बच्चे को शांत करिए। उनके साथ प्यार से पेश आइए।
गल मीठी-मीठी बोल- जब भी आपके लाड़ले साहब अपनी उस दशा में आएं, उन्हें शांत करने के लिए आप उनसे मीठी-मीठी बातें करें। ये एक बेहतर और कारगर विकल्प है। असल में इस तरह के बच्चों को सबका अटेंशन चाहिए होता है। जब आप उनसे बात करेंगे तो वो खुद धीरे-धीरे शांत हो जाएंगे।
एक बार में एक सीख- आप जानते हैं कि इस तरह के बच्चे हाइपरएक्टिव होते हैं, ऐसे में आपका कर्तव्य बनता है कि शुरुआत से ही उन्हें एक बार में एक काम करने की सीख दें। उन्हें एक समय पर एक ही बात समझाएं। एक बार में बहुत सारी बातें उन्हें परेशान कर देती है।
छोटे-छोटे टारगेट- ऐसे बच्चों के लिए छोटे-छोटे टारगेट सेट करें। सबसे पहले तो एक लिस्ट बनाएं। उसके अनुरूप हर दिन उन्हें एक-एक काम करने को कहें। इस तरह के बच्चों के लिए ये सीखना और जानना बहुत जरूरी है कि कैसे वो एक-एक करके काम को पूरा करें।
हकीकत से रूबरू करवाएं- जैसे-जैसे आपका बच्चा बड़ा, हो उसे उसकी इस स्थिति के बारे में बातें। सकारात्मक रूप से उसे इस डिसऑर्डर के बारे में बताएं ताकि वो समझ सके कि वो औरों से थोड़ा अलग है। उन्हें ये भी कहें कि ये साधारण बात है। ऐसे बहुत से लोग होते हैं, लेकिन इसपर काबू पाने वाला ही एक बेहतर बच्चा होता है।
चकाचक हो रूम- ऐसे बच्चों के कमरे में बहुत सारा सामान रखना उचित नहीं है। इससे बच्चा परेशान होता है। इसलिए बच्चों का कमरा साफ रखें और हो सके तो उसमें कम और जरूरी सामान ही रखें।
एक्सपर्ट की सलाह लें- ADHD वाले बच्चे की काउंसलिंग भी करवाएं। क्लास में ले जाएं, जहाँ इस तरह के बच्चों को सलाह दी जाती है। बच्चे को अपने बारे में जानने और उससे उबरने में मदद मिलेगी। सही देखभाल और अच्छी गाइडलाइन से इस तरह के बच्चे भी जल्द ही और बच्चों की तरह हो सकते हैं। बस जरूरी है तो आपके प्यार और स्नेह की।