लाइव टीवी

लॉकडाउन में सिंगल पेरेंट के लिए दोहरी चुनौती, अपनाएं ये टिप्स

Updated Apr 09, 2020 | 15:16 IST

सिंगल पेरेंट होने का मतलब है दबाव, तनाव और थकान। अगर आप इमोशनली काफी कमजोर हैं तो आपको बच्चे की परवरिश के दौरान आपके व्यवहार में भी काफी बदलाव आ जाते हैं।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
लॉकडाउन में सिंगल पेरेंटिंग के लिए टिप्स (Source: pixabay)
मुख्य बातें
  • सिंगल पेरेंट होने का मतलब होता है दबाव, तनाव और थकान
  • लॉकडाउन में सिंगल पेरेंट के लिए बच्चों की परवरिश करना दोहरी चुनौती
  • कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है

लॉकडाउन पीरियड में सिंगल पेरेंट को भी अपने बच्चों की देखभाल करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कोरोना वायरस से फैली महामारी के चलते बच्चों की पढ़ाई तो बाधित हो ही रही है सिंगल पेरेंट के सामने भी दोहरी दिक्कतें आ गई हैं। अकेले दम पर बच्चों की परवरिश करना वैसे ही एक बड़ी चुनौती है लेकिन जब लॉकडाउन हो और आप ना कहीं आ सकते हैं ना जा सकते हैं और ना किसी को मदद के लिए घर पर बुला सकते हैं ऐसे में सिंगल पेरेंट के सामने दोहरी चुनौती सामने आ जाती है।

सिंगल पेरेंट होने का मतलब है दबाव, तनाव और थकान। अगर आप इमोशनली काफी कमजोर हैं तो आपको बच्चे की परवरिश के दौरान आपके व्यवहार में भी काफी बदलाव आ जाते हैं। तुलनात्मक रुप से सिंगल पेरेंट आर्थिक रुप से भी थोड़े कमजोर हो सकते हैं साथ ही सामाजिक रुप से भी वे आइसोलेट हो जाते हैं। ऐसे में आपको अपने बच्चे के लिए सिंगल ही पेरेंटल रोल मॉडल बनना होता है जो एक बड़ी चुनौती बन जाती है।

आज यहां इसी के बारे में कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं-

अपना प्यार दिखाएं- अपने बच्चों की प्रशंसा करना ना भूलें। उसे निस्वार्थ प्यार और सपोर्ट दें। उसके साथ खेलें, टाइम बिताएं और कभी-कभी केवल साथ बैठ जाएं इससे उसे अपनेपन और सपोर्ट का एहसास होगा।

उसके लिए रुटीन बनाएं- खाने का समय और सोने के समय के लिए रुटीन बनाएं। इस तरह से बच्चों में अच्छी आदतें बनेगी।
तय करें लिमिट- घर के नियम कानून के बारे में बच्चे को बताएं। आप उससे क्या उम्मीद रखते हैं इसके बारे में उसे बताएं। कैसे दूसरों से अच्छे से बात करें, अपना काम खुद से करने की आदत कैसे डालें। अपनी जिम्मेदारियां उठाना सिखाएं।

बुरा फील ना करें- सिंगल पेरेंट होने का ठीकरा उसके सर पर ना फोड़ें। आप बात-बात पर उसे एहसास ना कराएं कि उसकी परवरिश करने में सिंगल पेरेंट की तरह आपको काफी दिक्कतें आ रही हैं। 

स्वास्थ्य पर ध्यान दें- लॉकडाउन पीरियड में आप ना बाहर निकल सकते हैं और ना बाहरी लोगों से मिल सकते हैं ऐसे में इस समय का बेहतर सदुपयोग ये हो सकता है कि आप अपने और अपने बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। भरपूर नींद लें और बच्चे को भी ऐसी आदत लगाएं और समय पर व हेल्दी खाना खाएं।

पॉजीटिव रहना सिखाएं- उसे बताएं कि ये कुछ दिनों के लिए है जल्द ही ये मुश्किल दौर निकल जाएगा और सबकुछ पहले जैसा सामान्य हो जाएगा। हर दिन के मुश्किलों का सामना करने के लिए सेंस ऑफ ह्यूमर का इस्तेमाल करें।