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Top Attractions of kangra: महाभारत काल में है कांगड़ा का वर्णन, जानिए इससे जुड़ी रोचक कहानियां

Updated Feb 13, 2021 | 15:27 IST

5739 वर्ग किलोमीटर में फैले कांगड़ा से जुड़ी कई कहानियां इतिहास में मौजूद हैं। प्राचीनकाल में कांगड़ा त्रिगार्त के नाम से जाना जाता था। इस जिले की स्थापना महाभारत के पूर्व की मानी जाती है। 

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Kangra Fort
मुख्य बातें
  • हिमाचल प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है मां कांगड़ा देवी का मंदिर
  • महभारत काल में कांगड़ा जिले को त्रिगार्त राज्य के नाम से संदर्भित किया गया है
  • हिमाचल प्रदेश का यह किला है विश्व का सबसे रहस्यमयी किला

Know about Kangra Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत घाटियों में शुमार और देवभूमि के नाम से मशहूर कांगड़ा भारत का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां पर कई ऐतिहासिक धरोहर भी मौजूद हैं। महाभारत काल में भी इस स्थान का उल्लेख किया गया है। महभारत काल में हिमाचल प्रदेश के इस स्थान को त्रिगार्त राज्य के नाम से संदर्भित किया गया है। कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा स्थान है जहां पर हर तरह के पर्यटन स्थल मौजूद हैं। आपको बता दें धार्मिक स्थान के लिए एक तरफ यहां पर जहां कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, वहीं दूसरी ओर यहां पर कई साहसिक पर्यटन स्थल भी है।

जिला कांगड़ा के मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज स्थित है, जो कांगड़ा की खूबसूरती में चार चांद लगाता है। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा की मौजूदगी से यह पर्यटन स्थल विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। ऐसे में आइए जानते हैं हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से जुड़े इतिहास के बारे में रोचक तथ्य। 

कांगड़ा का गठन

5739 वर्ग किलोमीटर में फैले कांगड़ा से जुड़ी कई कहानियां इतिहास में मौजूद हैं। प्राचीनकाल में कांगड़ा त्रिगार्त के नाम से जाना जाता था। इस जिले की स्थापना महाभारत के पूर्व की मानी जाती है। इस किले पर 10वीं शताब्दी में महमूद गजनवी ने आक्रमण किया और वह इस किले को फतेह करने में कामयाब रहा।

इसके बाद यह किला लगभग 34 सालों तक यानि 1043 तक तुर्कों के कब्जे में रहा। इस किले को लगभग 34 सालों बाद तोमर राजाओं ने तुर्कों से आजाद करवाया। लेकिन कुछ सालों बाद यह फिर से तुर्कों के कब्जे में चला गया। साल 1060 में पुन: कांगड़ा के राजाओं ने इसे अपने अधीन कर लिया। औपनिवेशिक शासनकाल के दौरान अंग्रेजों ने इसे एक जिला बना दिया। इसके बाद साल 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद यह पंजाब का एक हिस्सा बन गया, लेकिन 1966 में इसे हिमाचल राज्य में शामिल कर दिया गया।

कांगड़ा के धार्मिक स्थल

हिमाचल प्रदेश का यह राज्य देवी देवताओं की भूमि भी कहा जाता है। यहां पर आप धार्मिक स्थल का दर्शन कर प्रकृति के सौंदर्य का भी लुत्फ उठा सकते हैं। इस जिले में मां बृजेश्वरी मंदिर, बदलमुखी मंदिर, शिव मंदिर और अनेको धार्मिक स्थल मौजूद हैं, जहां पर लाखों की संख्या में पर्यटक दर्शन करने के लिए आते हैं। इन मंदिरों को लेकर सबकी अपनी अलग अलग धार्मिक मान्यताएं हैं। आपको बता दें कांगड़ा में कांगड़ा देवी मंदिर काफी प्रसिद्ध है, यहां पर मां कांगड़ा के दर्शन के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है।

मैक्लोड़गंज

मैक्लोड़गंज कांगड़ा का प्रमुख आकर्षण केंद्र है। आजकल यह सबसे चर्चित दर्शनीय स्थल बना हुआ है। आपको बता दें बहुत से तिब्बतियों के निवास के कारण इसे छोटा ल्हासा भी कहा जाता है। यह स्थान धार्मिक स्थल औऱ पर्वतीय स्थान का मिश्रण है। यहां पर आप सुंदर हिमालय की पहाड़ियों से रूबरू हो सकते हैं और खूबसूरत पहाड़ियों का भी लुत्फ उठा सकता हैं। यह स्थान बौद्ध श्रद्धालुओं का मुख्य केंद्र है। आपको बता दें यह दलाई लामा का निवास स्थान माना जाता है। माना जाता है कि दलाईलामा भारत भ्रमण के दौरान यहां पर रुके थे।

कांगड़ा किला

कांगड़ा किला सबसे पुराने किलों में एक माना जाता है। 463 एकड़ में फैला यह किला सबसे पुराने किलो में सबसे विशाल है। आपको बता दें यह किला किसी रहस्य से कम नहीं है क्योंकि यह कब बना है इसका पता लगाना काफी मुश्किल है। आजतक यह कोई पता नहीं लगा पाया कि इस किले का निर्माण कब हुआ। इस किले का साक्ष चौथी शताब्दी में सिकंदर के युद्ध में भी मिलता है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण कांगड़ा राज्य के कटोच वंश ने करवाया था। जिन्होंने खुद का त्रिगात साम्राज्य के वंशज के रूप में प्रमाण दिया। बता दें त्रिगात साम्राज्य का उल्लेख महाभारत काल में है। इस किले को लेकर कई रहस्य जुडे हुए हैं। ऐसे में देश दुनिया के सबसे पुराने किलों में शुमार कांगड़ा किले का दीदार आपको जरूर करना चाहिए।