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Namaste: कोरोना के डर से लोकप्रिय हुआ भारतीय ढंग से मिलने का अंदाज, जानें 'नमस्ते' करना क्यों है खास

Updated Mar 14, 2020 | 14:30 IST

Benefits Of Namaste:भारतीय संस्कृति में हम जब भी किसी से मिलते हैं हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं। लेकिन यह परपंरा धीरे धीरे वेस्टर्न होती चली गई जहां, लोग 'हाय' 'हेलो' या फिर गले मिलकर एकदूसरे का अभिवादन करने लगे।

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benefits of Namaskar
मुख्य बातें
  • कोरोना की वजह से भारतीय परंपरा नमस्ते दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहा है।
  • जानें क्या है नमस्ते करने का सही तरीका।
  • नमस्कार करने के हैं कई वैज्ञानिक फायदे।

हाल ही में प्रिंस चार्ल्स का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह लोगों से हाथ मिलाने के बजाय हाथ जोड़कर नमस्ते करते नजर आए। बता दें कि कोरोना वायरस के दशहत को देखते हुए उन्होंने यह तरीका अपनाया। प्रिंस चार्ल्स के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन किया था। वहीं दुनियाभर में लोगों से मिलने का भारतीय अंदाज लोकप्रिय हो रहा है।

भारतीय संस्कृति में एक दूसरे से मिलने पर अभिवादन करने के लिए लोग नमस्ते करते हैं। इसका मतलब होता है कि एक आत्मा दूसरी आत्मा को आभार प्रकट कर रहा है। लेकिन धीरे धीरे यह परंपरा लोगों के बीच खत्म होती दिख रही थी। लोग अब एक दूसरे से मिलने के लिए हाय, हेलो या फिर गले मिलकर अभिवादन करते थे। वहीं अब दुनिया के कई बड़े नेताओं के साथ-साथ कई लोग फिलहाल हेलो, हाय, के अभिवादन के लिए नमस्ते का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में आज हम बताएंगे नमस्ते करने के फायदे।

भारतीय परंपरा है 'नमस्ते'
हिंदू धर्म या फिर भारतीय अक्सर एकदूसरे का अभिवादन करने के लिए नमस्ते का प्रयोग करते हैं। हाथ जोड़कर किया जाने वाला नमस्ते  संस्कृत के शब्दों नमस(झुकना) और 'ते'( आपके समक्ष) से बना है। नमस्ते को दूसरे शब्दों में नमस्कार या नमस्कारम भी कहते हैं। आम जीवन में नमस्ते शब्द का प्रयोग किसी से मिलने हैं या विदा लेते समय अभिवादन करने हेतु किया जाता है। 

'नमस्ते' किसे डेडिकेट किया जाता है
हिंदू धर्म या सनातन धर्म प्रकृति के सभी तत्वों में विश्वास करता है। जिसमें जल, वायु, आकाश, अग्नि और पृथ्वी जैसे तत्व शामिल हैं। बता दें कि जीवन जीने के लिए यह पांच तत्व आवश्यक होते हैं। ठीक उसी तरह मानव जीवन जीने के लिए शिक्षक, परिवार, दोस्त, अजनबी, नदियां, पेड़-पौधे जैसे तत्वों की जरूरत होती है।

कैसे किया जाता है 'नमस्ते'
नमस्ते करने के लिए अपने दोनो हाथों को जोड़कर रखा जाता है। इस दौरान अपनी आखें बंद रखें और सामने वालो के समक्ष अपने सिर को झुकाएं। इसके अलावा....

  • पहले एक गहरी सांस ले अपने मन को शांत करें।
  • सांस छोड़ते हुए हथेलियों को छाती के सामने लाएं।
  • हथेलियों को थोड़ा दबाएं। आपकी उंगलियां ऊपर की ओर होनी चाहिए और अंगूठे को छाती से स्पर्श करना चाहिए।
  • कमर से थोड़ा झुकें और उसी समय गर्दन को थोड़ा झुकाएं।
  • इसके बाद नमस्ते कहें। नमस्ते को ना-मा-स्टे के रूप में उच्चारण करें।
  • सिर झुकाकर और हाथों को हृदय के पास लाकर भी नमस्ते किया जा सकता है। 

नमस्कार करने के हैं कई वैज्ञानिक फायदे 

  • नमस्कार करने से मन को एक अजीब खुशी मिलती है।
  • हाथ जोड़कर नमस्कार करने से शरीर में एक उर्जा का संचार शुरू हो जाता है। जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है।
  • नमस्ते करते वक्त हृदयचक्र और आज्ञाचक्र में सक्रियता आती है। जिससे आपका मन शांत रहता है।
  • नमस्कार करना एक अभिवादन है। ऐसे में जब हम अपने बड़ों और बुजुर्गों को यह अभिवादन करते हैं तो उनकी कृपा बनी रहती है। 
  •  नमस्ते करने से पॉजिटिव और नेगेटिव उर्जा मिलती है, जिससे मन शांत और दिल मजबूत रहता है।

नमस्ते अभिवादन के लाभ

नमस्ते करने के अनेक फायद है। बता दें कि भरतीय परंपरा अब दुनियाभर में लोकप्रिय है, यह अभिवादन करने का सबसे प्राचीन के साथ-साथ स्वच्छ तरीका है। जब आप सामने वाले को नमस्कार करते हैं तो बदले वह भी आपको नमस्कार के जरिए ही उत्तर देता है। इस तरह दोनों ही एक दूसरे के अभिवादन को स्वीकर करते हैं। लोग विनम्र भाव से नमस्ते करते हैं।