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बच्चों की लंबाई बढ़ाने के लिए घर पर कराएं यह योगासन, शारीरिक विकास के साथ-साथ बढ़ेगा आत्मविश्वास

Updated Apr 22, 2020 | 20:33 IST

इंसान की लंबाई अनुवांशिकता पर भी निर्भर करती है लेकिन कभी-कभी पोषण और पर्यावरणीय माहौल भी इसका कारक हो सकता है। जानें कौन से योगासन हाईट बढ़ाने में होते हैं मददगार-

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बच्चों की हाईट बढ़ाने के लिए कराएं ये योगा (Source:Pixabay)
मुख्य बातें
  • बच्चों की हाईट अच्छी रहने से ना सिर्फ उन्हें फिजिकल लाभ होता है बल्कि इससे उनमें आत्मविश्वास भी आता है
  • योगासन बच्चों की हाईट बढ़ाने में भी मदद करते हैं
  • 23 से 24 साल की उम्र के बाद बॉडी की हाईट नहीं बढ़ाई जा सकती है

बच्चों की हाईट अच्छी रहने से ना सिर्फ उन्हें फिजिकल लाभ होता है बल्कि इससे उनमें आत्मविश्वास भी आता है। रिसर्च के मुताबिक हाईट सही रहने से आईक्यू लेवल भी सही रहता है और उनकी सोच भी सकारात्मक होती है। इंसान की लंबाई अनुवांशिकता पर भी निर्भर करती है लेकिन कभी-कभी पोषण और पर्यावरणीय माहौल भी इसका कारक हो सकता है। आदि काल से योगा को स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रैक्टिस में लाया जाता रहा है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि योगासन आपकी हाईट बढ़ाने में भी मदद करते हैं। आज हम यहां आपको ऐसे ही कुछ खास योगा के बारे में बताएंगे जिसे करने से आपकी हाईट कुछ इंच तक बढ़ जाएगी। ना सिर्फ हाईट बढ़ती है बल्कि इससे पूरे शरीर का भी विकास होता है। ऐसा माना जाता है कि 23 से 24 साल की उम्र के बाद बॉडी की हाईट नहीं बढ़ाई जा सकती है क्योंकि इस आयु के बाद शरीर में ग्रोथ हार्मोन कम होने लगता है। जानते हैं कौन से हैं योगासन जो लंबाई बढ़ाने में करते हैं मदद

ताड़ासन
माथे से लेकर पैर के अंगूठे तक पूरी बॉडी को स्ट्रेच करने को ताड़ासन कहते हैं। इससे शरीर के अधिकतर हिस्से में खिंचाव महसूस होता है जिससे शरीर का ग्रोथ हार्मोन एक्टिव होता है और वह शरीर में अच्छे से काम करता है। इसके लिए फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं गर्दन, कमर और पैर सीधी रखें। अब जब सांस लें तो अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें। धीरे-धीरे पैरों को भी उठाएं और अंगूठे पर खड़े हों। जितना ज्यादा हो सके अपने शरीर को स्ट्रेच करें। इस दौरान अपने पैरों और हाथों को सीधा रखें।

वृक्ष आसन
यह आसन आकार में पेड़ के जैसा होता है। इसमें पहले दोनों पैरों हाथों को सीधा रख कर खड़े हों। इसके बाद एक पैर उठाकर दूसरे पैर के घुटने के ऊपर रखें वहीं अपने दोनों हाथों को माथे के ऊपर लाकर प्रणाम की मुद्रा बनाएं। इस मुद्रा में थोड़ी देर संतुलन बनाए रखें और धीरे-धीरे सांस अंदर लें और बाहर निकालें। ऐसा ही दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं।

सर्वांग आसन
जमीन पर सीधा लेट जाएं। हथेलियों को जमीन की ओर कर लेटें। अब धीरे-धीरे अपने पैरों को उठाएं साथ ही अपनी कमर व पीठ को भी उठाएं और कंधे तक लाकर उसे 90 डिग्री तक सीधा करें पीठ को सपोर्ट देने के लिए अपने हाथों सो कमर को पकड़ लें। 15 से 30 सेकेंड तक इस आसन को करें।

पश्चिमोत्तान आसन
इस आसन को स्लिप डिस्क के मरीज नहीं कर सकते हैं। जमीन पर बैठकर अपने पैरों को आगे सीधा कर लें। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने हाथों से अपने पैरों के अंगूठे को टच करें। इस दौरान अपनी पीठ सीधी रखें। अपने माथे को घुटने पर आराम की मुद्रा में रख दें। अपने घुटनों को मुड़ने ना दें साथ ही धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।

उज्जयी प्राणायाम
इसमें अपने पैरों को क्रॉस करके बैठना होता है, रीढ़ की हड्डी सीधी होती हैइसमें समुद्र की लहरों के जैसे सांसों से आवाज निकालना है। इससे काफी रिलैक्स मिलता है। उसी आसन में बैठे रहें अब जोर से सांस लें ताकि गले तक से आवाज आए। दूसरे चरण में अपने मुंह को बंद रखें और नाक से सांस बाहर छोड़ें। इसे कुल 10-15 बार करें।