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हाई कोर्ट ने भी कह दिया, क्या लखनऊ, कानपुर, वाराणसी-गोरखपुर में लॉकडाउन लगाएगी योगी सरकार 

Updated Apr 14, 2021 | 07:22 IST

Corona Cases in UP : इस नाइट कर्फ्यू को अपर्याप्त बताते हुए कोर्ट ने कहा कि महामारी के फैलाव पर रोक लगाने के लिए सरकार को और कदम उठाने की जरूरत है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
हाई कोर्ट ने यूपी सरकार से कुछ जिलों में लॉकडाउन लगाने के लिए कहा।
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जताई चिंता
  • कोर्ट ने उन जिलों में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की बात कही है जहां से सर्वाधिक केस आ रहे हैं
  • उच्च न्यायालय ने कहा कि एक बांध बनाने से तूफान को नहीं रोका जा सकता है

लखनऊ : यूपी में कोरोना केस में हो रही रिकॉर्ड वृद्धि पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी चिंता जाहिर की है। हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से उन जिलों में जहां कोरोना के मामलों में तेजी आई है, दो-से तीन सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने कहा है कि 'हमें पता है कि कई सप्ताह का पूर्ण रूप से लॉकडाउन व्यावहारिक नहीं हो सकता है लेकिन महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए हम सरकार से कहना चाहते हैं कि वह उन जिलों में दो अथवा तीन सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लगाए जहां कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि पाई गई है।'

यूपी में लगा है नाइट कर्फ्यू
कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर काबू पाने के लिए यूपी सरकार ने नाइट कर्फ्यू लागू किया है। इस नाइट कर्फ्यू को अपर्याप्त बताते हुए कोर्ट ने कहा कि महामारी के फैलाव पर रोक लगाने के लिए सरकार को और कदम उठाने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा, 'एक बांध तूफान को नहीं रोक सकता।' एक जनहित याचिका पर सुनवाई करत हुए कोर्ट ने यूपी सरकार से संक्रमण का पता लगाने, टेस्टिंग और इलाज की गति तीव्र करने के लिए कहा है। कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि 'लोग यदि मर रहे हैं तो विकास का कोई मतलब नहीं है।'

स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोर्ट ने खिंचाई की
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी कोर्ट ने यूपी सरकार की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि कोरोना महामारी के एक साल बीत जाने के बाद भी राज्य के बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे में वृद्धि नहीं की गई। कोर्ट ने सरकार से राज्य में फील्ड अस्पताल बनाने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कोविड प्रोटोकॉल्ड का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा कि लोग यदि कोरोना नियमों का उल्लंघन करते पाए गए तो वह स्थानीय पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करेगा। 

राज्य में कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल
उत्तर प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। मंगलवार को बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 18,021 नए मामले मिले जबकि 85 लोगों की मौत हुई। इस दौरान उपचार के बाद 3,474 लोग ठीक भी हुए। राजधानी लखनऊ का कोरोना से बुरा हाल है। राज्य के प्रमुख शहरों कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और आईएमए एमएस के वीसी डॉ. सूर्यकांत ने राज्य में कोरोना संक्रमण की दर पर चिंता जताई है। उन्होंने चेन्नै गणितीय विज्ञान संस्थान के एक अध्ययन का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर वायरस की प्रजनन क्षमता 1.32 है, जबकि यूपी में यह 2.14 पर पहुंच चुकी है।

सीएम योगी ने खुद को किया आइसोलेट
इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ अधिकारियों के कोरोना से पॉजिटिव होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ओएसडी अभिषेक कौशिक, विशेष सचिव अमित सिंह सहित कुछ अन्य कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सीएम योगी इन दिनों पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार भी कर रहे हैं। 

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