

- 1992 में अमिताभ ठाकुर का चयन आईपीएस के लिए हुआ था
- यूपी के कई जिलों में पुलिस अधीक्षक के तौर पर काम किया
- करीब करीब सभी सरकारों से इनकी खटपट रही, अब यूपी सरकार ने जबरिया रिटायर कर दिया है।
लखनऊ। अमिताभ ठाकुर अब पुलिस की नौकरी से जबरिया रिटायर कर दिए गए हैं। सरकार की नजरों में वो सरकारी सेवा के लिए उपयुक्त नहीं थे। वो अपनी जिम्मेदारियों से इतर ऐसे काम किया करते थे जिसकी वजह से सरकारी सेवा प्रभावित हो रही थी। अब जबकि वो रिटायर कर दिए गए हैं तो अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट पोस्ट की है जिसमें उनके घर पर नाम की जो पट्टी लगी है उस पर एक ए-4 साइज के पेपर अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, जबरिया रिटायर्ड लिखा हुआ है।
सोशल मीडिया पर रिएक्शन
अमिताभ ठाकुर के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ सी आ गई और हर किसी ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। कुछ यूजर्स ने उनकी कार्यप्रणाली को सराहा तो कुछ ने कहा कि सरकारी नौकरी से इतर जब आप कुछ करेंगे तो नतीजा ऐसा ही आएगा।
- हर सरकार लोकतांत्रिक नहीं हो सकती साहब।
- काम सही से नहीं करोगे तो जबरिया रिटायर ही किए जाओगे।
- तो मोदी जी को भी त्याग पत्र देदे ना चाहिये क्यों की देश त्रस्त है उनके 18 घण्टे काम करने से देश की GDP पाताल पहुंच चुकी है बेरोजगारी चरम पे है देश मे अशांति का माहौल है।
- अमिताभ ठाकुर जी को जबरदस्ती सेवानिवृत्ति के लिए भेजा गया है। वह स्वतंत्र रूप से अब लोगों और सार्वजनिक कारणों की सेवा में सक्षम होंगेआदरणीय महोदय, कृपया जान लें कि यू और नूतन जी के साथ लाखों लोग खड़े हैं। अगर वहाँ कुछ भी हम कर सकते हैं, प्लीज हमें बताएं
1992 में आईपीएस के लिए हुआ था चयन
अमिताभ ठाकुर 1992 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के दस जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया है, और राज्य के नागरिक सुरक्षा विभाग में एक महानिरीक्षक के रूप में कार्य किया है।