- राजधानी लखनऊ के रेल यात्रियों के लिए गुड न्यूज
- रेल यात्रियों को स्टेशनों पर मिलेगा सस्ता और स्वच्छ पानी
- रेलवे स्टेशनों पर वाटर बूथ से अब एक रुपये में मिलेगा मिनरल वाटर
Indian Railways: यूपी की राजधानी लखनऊ के चारबाग और लखनऊ जंक्शन समेत अन्य रेलवे स्टेशनों पर वाटर बूथ से अब एक रुपये में मिनरल वाटर फिर से मिलेगा। इससे यात्रियों को खासी राहत मिलेगी। दरअसल, स्टेशनों पर पहले भी मिनरल वाटर मिलता था, लेकिन यह लॉकडाउन के कारण बंद हो गए थे। अब यात्रियों की मांग पर फिर से इन्हें चालू किया जा रहा है। वाटर बूथ शुरू होने से यात्रियों को राहत मिलेगी और महंगा बोतलबंद पानी नहीं खरीदना पड़ेगा। एक बार फिर से रेलवे बोर्ड स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आपको बता दें कि अभी तक वाटर बूथ की जिम्मेदारी भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) संभालती थी, लेकिन अब रेलवे प्रशासन ने इसे अपने पास कर लिया है।
याद रहे कि रेलवे ने यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर सस्ता और स्वच्छ मिनरल वाटर उपलब्ध कराने के लिए वाटर बूथ लगाने का खाका तैयार किया था, रेलवे ने आईआरसीटीसी को स्टेशनों पर वाटर बूथ लगाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
यात्रियों को काफी पसंद आए थे वाटर बूथ
चारबाग रेलवे स्टेशन, लखनऊ जंक्शन समेत दो सौ से ज्यादा रेलवे स्टेशनों पर आईआरसीटीसी प्रशासन ने वाटर बूथ स्थापित किए थे। यह वाटर बूथ यात्रियों को काफी पसंद आए। इसी दौरान देशभर में तेजी से फैले कोरोना वायरस की वजह से भारत में लॉकडाउन लागू करना पड़ा। ऐसे में बूथ बंद हो गए, तब से अब तक इन बूथों को दोबारा चालू नहीं किया गया। लेकिन अब यात्रियों ने इन्हें फिर से चालू करने की डिमांड की।
आईआरसीटीसी के पास थी बूथों को चलाने की जिम्मेदारी
इस पर रेलवे बोर्ड इन बूथों को दोबारा शुरू करने की तैयारी में है। बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, पहले इन बूथों को चलाने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के पास थी, लेकिन अब इन्हें चलाने की जिम्मेदारी संबंधित स्टेशनों के रेलवे प्रशासन के पास रहेगी। इसके लिए जल्द ही पॉलिसी स्तर पर बदलाव हो जाएंगे। वहीं, रेलवे स्टेशनों से पुरानी मशीनों को हटाने का भी काम भी शुरू कर दिया गया है।
वाटर बूथ बंद होने की ये थी वजह
वहीं, आईआरसीटीसी अधिकारियों का कहना है कि चारबाग, लखनऊ जंक्शन समेत दो सौ से ज्यादा स्टेशनों पर यह वाटर बूथ लगवाए गए थे। जिस पार्टी को इनकी देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी, उसने खुद को दिवालिया घोषित कर लिया। साथ ही आईआरसीटीसी को दी जाने वाली करीब तीन करोड़ रुपये लाइसेंस फीस को भी अटका दिया है।