नई दिल्ली : हाथरस गैंगरेप की घटना की जांच के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय एसआईटी बनाई है जो 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी। सीएम ने फास्ट-ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई के निर्देश भी दिए हैं। बता दें कि गैंगरेप पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद से इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन और भी बढ़ गया है।
कल देर रात गैंगरेप पीड़िता का शव उसके गांव लाया गया जहां पर लोगों ने इसका काफी विरोध किया। आधी रात को शव गांव पहुंचा तो लोगों ने इसका भारी विरोध किया और इसी विरोध के बीच पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार कराया।
लोगों के आक्रोश को देखते हुए इलाके में भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई है। जानकारी के मुताबिक परिजनों ने शव को अपनाने से इनकार कर दिया था। हालांकि पुलिस लगातार पीड़ित परिवार को मनाने में जुटी रही थी। परिजन लगातार अपने लिए और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे थे।
पीड़िता के एक भाई ने मंगलवार देर रात बताया कि ‘पुलिस अंतिम संस्कार के लिए शव और मेरे पिता को जबरन अपने साथ ले गई। मेरे पिता जब हाथरस पहुंचे, पुलिस उन्हें तत्काल (शवदाहगृह) ले गई।’ हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि आज तड़के पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने हालांकि कहा कि अंतिम संस्कार ‘परिवार की इच्छानुसार' किया गया है।
महिला का 14 सितंबर को चार पुरुषों ने हाथरस के एक गांव में सामूहिक बलात्कार किया था। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। उसकी हालत और खराब होने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया, जहां उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया।
पीड़िता के एक अन्य परिजन ने बताया कि 30 से 40 लोगों के साथ पीड़िता के पिता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले में चंदपा पुलिस थाना क्षेत्र के बूल गढ़ी गांव के निकट शवदाहगृह गए थे।
एक अधिकारी ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी रात में शवदाहगृह में मौजूद थे। शोकाकुल परिवार के साथ घर पर मौजूद एक संबंधी ने कहा, ‘हमें यह समझ नहीं आ रहा, उन्हें क्या चाहिए... ये लोग कैसी राजनीति कर रहे हैं? उल्टे-सीधे बयान दे रहे हैं कि लड़की का बलात्कार नहीं हुआ... पता नहीं कि उन्हें क्या चाहिए।’ इससे पहले हाथरस पुलिस अधीक्षक विक्रम वीर ने इस संबंध में कहा था कि, ‘सभी कार्य परिवार की इच्छानुसार किए जा रहे हैं।
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