लखनऊ: इस बार की ईद कुछ अलग होगी क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन लागू है । ईद की पूर्व संध्या पर गुलजार रहने वाली अमीनाबाद, नजीराबाद, फतेहगंज, लाटूश रोड और कैसरबाग की सड़कों पर रविवार को सन्नाटा पसरा रहा । मुस्लिम धर्मगुरूओं ने अपील की है कि लोग ईद घर पर ही रहकर मनायें।
अमीनाबाद रोड पर एक ओर सूखे मेवों की तो दूसरी तरफ हाथ से बने पापड़ की दुकानें हैं । रविवार को दुकानें बंद थीं क्योंकि प्रशासन ने महामारी के चलते समूचे इलाके को बंद रखने का आदेश दिया है । नजीराबाद कपड़ों का बड़ा बाजार है और ईद के मौके पर यहां अच्छी खासी रौनक होती थी लेकिन लॉकडाउन के कारण यहां भी दुकानों के शटर बंद हैं। लाटूश रोड, कैसरबाग और शिवाजी मार्ग की दुकानें भी पूरी तरह बंद रहीं ।
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद शाह बुखारी ने कहा कि ईद—उल—फितर 25 मई को मनाया जा रहा है क्योंकि शनिवार को चांद नहीं दिखा । शायद पहली बार ऐसा होगा कि जब मस्जिदों और ईदगाह में सामूहिक नमाज नहीं होगी क्योंकि सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भीड़ वाले धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया है।
राजधानी लखनऊ के मुस्लिम धर्मगुरू मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने पीटीआई—भाषा से कहा कि उन्होंने हर किसी से कहा है कि ईद की नमाज घर पर ही पढ़ें । ईद घर पर मनायें । केवल मस्जिद में रहने वाले चार-पांच लोग ही वहां नमाज पढ़ेंगे । लोगों को सोशल मीडिया के जरिए ईद की मुबारकबाद दीजिए । हाथ मत मिलाइये, गले मत मिलिये । इसके अलावा आपका ईद का जो बजट है, उसका 50 प्रतिशत गरीबों में बांट दीजिए।
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ईद—उल—फितर के मौके पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। राजभवन की ओर से जारी बयान के अनुसार राज्यपाल ने अपने बधाई सन्देश में सभी लोगों की सुख-समृद्धि की कामना करते हुए कहा कि ईद का पर्व मोहब्बत, एकता और आपसी भाईचारे का संदेश देता है।
उन्होंने कहा कि खुशियाँ बांटने से बढ़ती हैं। गरीब एवं जरूरतमंद लोगों की मदद कर उनके जीवन में भी खुशियां लाएं। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए घर में ही नमाज पढ़ें तथा आवश्यक एहतियात बरतें।