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Lucknow Bus Fake Pass: लखनऊ में मुफ्त बस सफर के बन रहे फर्जी पास, चैकिंग में पकड़े गए बदमाश 

Updated Apr 21, 2022 | 19:31 IST

Lucknow Bus Fake Pass: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की बसों में यात्रा करने के लिए फर्जी पास बहुत ही शातिर तरीक़े से बनाए जा रहे है। परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने चेंकिग के दौरान फर्जी पास पर यात्रा करते हुए पकड़ा है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
लखनऊ में बस के मुफ्त सफर के लिए बनाए जा रहे फर्जी पास
मुख्य बातें
  • बसों में मुफ्त सफर कराने के लिए फर्जी तरीके से पास बनाये जा रहे हैं। 
  • इसका खुलासा बहराइच रूट पर चेकिंग के दौरान हुआ। 
  • क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है।

Lucknow Bus Fake Pass: परिवहन विभाग की बसों में मुफ्त सफर के लिए फर्जी पास बनाए जा रहे हैं। अयोध्या की प्रवर्तन टीम ने बहराइच रूट पर फर्जी पास पकड़ा है। इस पर क्षेत्रीय प्रबंधक के नाम से मुहर और हस्ताक्षर हैं। परिवहन निगम कर्मचारियों के सिंडीकेट रुपये ऐंठ करके सगे-संबंधियों आदि के बस में मुफ्त सफर कराने के लिए फर्जी तरीके से पास बना रहे हैं। इसका खुलासा बहराइच रूट पर चेकिंग के दौरान हुआ। चेकिंग टीम ने जिस यात्री से ये फर्जी पास जब्त किया, वह खुद को समीक्षा अधिकारी होने का रौब दिखा रहा था। 

अयोध्या के कर्मचारी नेता राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने बताया कि, सहायक यातायात निरीक्षक बीडी यादव टीम के साथ अयोध्या से बहराइच जा रही बस की चेकिंग कर रहे थे। जांच में लखनऊ क्षेत्रीय प्रबंधक के नाम से एक अप्रैल 2022 को पास जारी किया गया, वह फर्जी पास मिला। 

फर्जी पास की वैधता 1 अप्रैल से 30 जून तक

इस फर्जी पास में परिवहन अनुभाग तीन सचिवालय में तैनात समीक्षा अधिकारी उमेश कुमार श्रीवास्तव के नाम से जारी किया गया था। इसकी वैधता एक अप्रैल से 30 जून तक है। ये बस अयोध्या से बहराइच जा रही थी। चेकिंग दल ने यात्रा अधिकार पत्र की जांच की। तो उस पर लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक की मुहर व हस्ताक्षर दर्ज था। पांडेय ने बताया कि, इससे पहले भी कई फर्जी पास जब्त किए जा चुके हैं। उधर, लखनऊ के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस ने बताया कि, पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। मामला फर्जी पाए जाने पर पुलिस में एफआईआर दर्ज होगी। 

पास में हस्ताक्षर का मिलान रोडवेज के कर्मचारियों से किया जाएगा

पकड़े गए पास को लखनऊ क्षेत्रीय प्रबंधक के नाम से एक अप्रैल 2022 को जारी किया गया है और तीन माह तक इस पास पर नि:शुल्क यात्री की सुविधा प्रदेश भर में दी गई थी। इस मामले में क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने कहा, जारी पास पर लगाई गयी मुहर फर्जी है। इसकी जांच क्षेत्रीय स्तर पर कराई जा रही है। अयोध्या क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक एसपी सिंह के अनुसार, यह पहला मामला नहीं है। पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। चेकिंग दल की रिपोर्ट पर फर्जी पास की जांच कराई जाएगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पास में किसी विभागीय अधिकारी के शामिल होने की आशंका है। पास में किए गए हस्ताक्षर का मिलान रोडवेज के कर्मचारियों से किया जाएगा।

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