- योगी सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजना है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
- एक्सप्रेसवे के बन जाने से इलाके में आर्थिक गतिविधियां होंगी तेज
- एनसीआर और आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा यह क्षेत्र
लखनऊ : उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड इलाका अपने पिछड़ेपन के लिए जाना जाता रहा है। कनेक्टिविटी के अभाव के चलते यह क्षेत्र विकास के पथ पर अग्रसर नहीं हो पाया लेकिन मार्च 2017 में राज्य में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र की दशा और दिशा बदलने के लिए काफी काम हुए हैं। अब यह क्षेत्र राज्य के अन्य हिस्सों की तरह विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ा है। दशकों तक उपेक्षित रहे इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर योगी सरकार का खासा जोर रहा है। योगी सरकार ने क्षेत्र में सड़कों एवं एक्सप्रेसवे का जाल बिछाकर बुंदेलखंड को विकास की मुख्यधारा से जोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश में मंगलवार को योगी सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं। इन चार सालों में योगी सरकार ने इस क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए कई परियोजनाओं की शुरुआत की है जिनमें बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण एक अहम कदम है।
एनसीआर से जोड़ेगा 290 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे
यूपी के चौथे एक्सप्रेसवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने चित्रकूट में किया। इस क्षेत्र के विकास में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की भूमिका काफी अहम होने जा रही है। 290 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड के पिछड़े इलाकों को एनसीआर से जोड़ेगा। एनसीआर से जुड़ने पर इस इलाके में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी जिससे लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध होने के साथ-साथ उनकी आय बढ़ेगी।
इलाके में बनेंगे औद्योगिक क्लस्टर
महोबा, जालौन, ओरैया के क्षेत्र आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और एनसीआर से जुड़ेंगे। कनेक्टिविटी और विकास की अन्य परियोजनाओं एवं सुविधाओं के दम पर यह क्षेत्र अपने यहां निवेश आकर्षित करेगा। यही नहीं योगी सरकार की योजना इस क्षेत्र में डिफेंस कॉरीडोर विकसित करने की भी है। इसके अलावा राज्य सरकार इस क्षेत्र से हवाई सेवा, रामायण सर्किट, मेडिकल कॉलेज, औद्योगिक क्लस्टरों का विकास करने की तैयारी में है। इस कॉरीडोर का लाभ भी इस क्षेत्र के लोगों को मिलेगा। सरकार ने औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने के लिए क्षेत्र में 3700 हेक्टेयर लैंड की पहचान की है और 3000 भूमि का अधिग्रहण भी हो चुका है।
नवंबर में पूरा हो जाएगा एक्सप्रेसवे का निर्माण
इस क्षेत्र के विकास के लिए एक्सप्रेसवे की जरूरत योगी सरकार समझ रही है। जालौन जिले में यमुना नदी पर बन रहे पुल का निरीक्षण करते समय सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य युद्ध गति से चल रहा है और 50 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने नवंबर तक इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा हो जाने की उम्मीद जताई। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह क्षेत्र पर्यटन के लिहाज से भी काफी अहम साबित होने जा रहा है।
एक्सप्रेसवे पर ब्रिज, फ्लाईओवर और अंडरपाल
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना के तहत यमुना, बेतवा और केन नदियों पर बन रहे पुलों का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी यमुना नदी पर पुल का निर्माण कार्य छह से आठ महीनों में पूरा कर लेगी। इस एक्सप्रेसवे पर रेलवे के चार ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, छह टोल प्लाजा, सात रैंप प्लाजा, 268 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर और 214 अंडरपास बनाए जा रहे हैं। अभी इस एक्सप्रेसवे को चार लेन में बनाया जा रहा है जिसका विस्तार छह लेन में किया जाएगा। चित्रकूट से शुरू होकर इटावा में खत्म होने वाला यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन और इटावा जिले से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल अनुमानित लागत 14,849.09 करोड़ रुपए है।
दूर हुई पेयजल की किल्लत, हर घर नल से जल
पीने योग्य पानी बुंदेली धरती की बड़ी समस्या थी। पानी के लिए मीलों चलने की मजबूरी थी, पर अब ऐसा नहीं है। बुंदेली लोगों की पेयजल की किल्लत को मूल से दूर करने के लिए जल जीवन मिशन के तहत योगी सरकार ने 30 जून 2020 को हर घर नल से जल की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत बुंदेलखंड से ही की। शीघ्र ही गांव गांव, घर घर पाइप से जल पहुंचने लगेगा। वह भी फ्लोराइड और आर्सेनिक से मुक्त।
रामायण सर्किट से पुनर्स्थापित होगा चित्रकूट का गौरव
धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र होने के बावजूद धर्मनगरी चित्रकूट उपेक्षा का शिकार था। भगवान श्रीराम के वनवास स्थल और उनसे जुड़ी अनेक पौराणिक स्मृतियों के साक्षी चित्रकूट की सुध लेने का श्रेय भी योगी सरकार को ही है। रामायण सर्किट के माध्यम से विकास कर इसके गौरव को पुनर्स्थापित कर चित्रकूट को पर्यटन के नक्शे पर निखारा जा रहा है। सीधी हवाई सेवा से यहां देश के साथ ही विदेश के सनातन आस्थावानों की आमद बढ़ने से पर्यटन विकास के माध्यम से रोजगार भी बढ़ेगा। वहां चल रही विकास योजनाओं की प्रगति जानने, मौके पर जाकर उनकी प्रगति देखने और समीक्षा बैठक के जरिए जरूरी निर्देश देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो दिन के दौरे पर बुंदेलखंड में ही हैं।