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Gorakhpur : हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटे बसपा से हुए निष्कासित, थाम सकते हैं सपा का दामन

Updated Dec 07, 2021 | 08:02 IST

Gorakhpur News : हरिशंकर तिवारी के बेटों को बसपा से निकाला जाना पूर्वांचल की एक बड़ी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है। तिवारी को पूर्वांचल में ब्राह्मण समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से बसपा विधायक हैं विनय शंकर तिवारी।
मुख्य बातें
  • पूर्वांचल में ब्राह्मण समाज के बड़े नेता माने जाते हैं हरिशंकर तिवारी
  • वर्तमान में गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से बसपा विधायक हैं विनय
  • ऐसी चर्चा है कि हरिशंकर तिवारी का कुनबा सपा में शामिल हो सकता है

लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने पूर्वांचल के बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के दोनों बेटों विनय शंकर तिवारी एवं कुशल तिवारी को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने यह कार्रवाई अनुशासनहीनता के आरोपों पर की है। बसपा ने तिवारी के भांजे गणेश शंकर पार्टी को भी पार्टी से निकाला है। ऐसी अटकलें हैं कि तिवारी का पूरा कुनबा समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकता है। विनय शंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा सीट से विधायक हैं जबकि कुशल तिवारी संत कबीर नगर से दो बार सांसद रहे हैं। 

चिल्लूपार सीट से विधायक हैं विनय शंकर तिवारी

हरिशंकर तिवारी के बेटों को बसपा से निकाला जाना पूर्वांचल की एक बड़ी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है। तिवारी को पूर्वांचल में ब्राह्मण समाज का बड़ा चेहरा माना जाता है। दरअसल, चिल्लूपार सीट से विधायक विनय शंकर तिवारी ने हाल ही में लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में चर्चा होने लगे कि तिवारी का कुनबा सपा में शामिल हो सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि अखिलेश यादव ने वीडियो कॉल पर हरिशंकर तिवारी से बात की। तिवारी का परिवार यदि सपा का दामन थामता है तो पूर्वांचल में ब्राह्मण वोटों पर सपा की पकड़ मजबूत होगी। 

कई सीटों पर है तिवारी का असर

विनय शंकर तिवारी यदि सपा में शामिल होते हैं तो यह बसपा के लिए दूसरा बड़ा झटका होगा। क्योंकि शाह आलम ने हाल ही में पार्टी छोड़ी है। विनय शंकर तिवारी के सपा में शामिल होने पर इस पार्टी को गोरखपुर में ही नहीं बल्कि आस-पास की कई सीटों पर फायदा हो सकता है। सपा पूर्वांचल के वोटबैंक पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। हरिशंकर तिवारी को पूर्वांचल में बाहुबलियों का गुरु माना जाता है। बाद के बाहुबलियों मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह ने इन्हीं के नक्शेकदम को अपनाया।  

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