- आईएसआईएस के एजेंट के आरोप में गुजरात एटीएस ने 2017 में अंकलेश्वर से की थी दो गिरफ्तारी
- इनमें से एक ने कमलेश तिवारी की हत्या की दी थी धमकी, तिवारी ने भी बताया था जान का खतरा
- तिवारी ने सरकार से मांगी थी सुरक्षा, पुलिस को सीसीटीवी फुटेज की जांच में दिखे हैं 2 संदिग्ध
नई दिल्ली : हिंदू समाज के नेता कमलेश तिवारी की हत्या मामले में अब नई बातें सामने आ रही हैं। जांच में जुटी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में भगवा वस्त्र पहने दो संदिग्ध व्यक्ति दिखे हैं। इस बीच यह बात भी सामने आई है कि तिवारी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की हिट लिस्ट में थे और उन्होंने मई 2018 में अपनी जान का खतरा बताते हुए अपने लिए सुरक्षा देने की मांग की थी। हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) ने 10 मई 2018 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि तिवारी आईएसआईएस के निशाने पर थे।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने आईएसआईएस का एजेंट होने के संदेह पर 25 अक्टूबर 2017 को अकंलेश्वर से उबैद मिरजा और कासिम को गिरफ्तार किया। गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड (एटीएस) की ओर से अकंलेश्वर कोर्ट में दायर चार्जशीट के मुताबिक उबैद और कासिम देश भर में यहूदियों एवं विदेशी नागरिकों को निशाना बनाना चाहते थे और इन दोनों ने हथियार खरीदने के लिए अपनी पत्नियों के जेवर बेचे थे। एटीएस की चार्जशीट के मुताबिक मिर्जा ने एक बार दो प्रत्यदर्शियों को कमलेश तिवारी का वीडियो दिखाते हुए कहा था कि 'कमलेश तिवारी को मार डालना है।'
इसके बाद कमलेश तिवारी ने मई 2018 में आईएसआईएस से अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस में इसकी शिकायत की थी। तिवारी ने उस समय केंद्र की भाजपा और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर अपनी सुरक्षा में कोताही बरतने का आरोप लगाया था। तिवारी ने कहा कि चूंकि वह राजनीतिक रूप से उनके साथ नहीं हैं इसलिए दोनों सरकार उनकी सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रही हैं।
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बता दें कि अज्ञात हमलावरों ने गुरुवार को कमलेश तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी। हमलावर भगवा वस्त्र पहनकर तिवारी के कार्यालय में दाखिल हुए थे। पुलिस का कहना है कि उसने हत्या में शामिल हथियार बरामद कर लिया है। हमलावरों ने तिवारी से मिलने के लिए उन्हें फोन किया था। पुलिस को आशंका है कि हमलावर तिवारी के जानकार हो सकते हैं। पुलिस फोन नंबर की जांच में जुटी है। हमलावर मिठाई के डिब्बे में हथियार छिपाकर लाए थे। तिवारी की हत्या करने से पहले हमलावरों ने उनके साथ बात की और उसके बाद उन्हें गोली मारी। इस हमले में तिवारी जीवित न बचें यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने उनका गला रेत दिया।
राजधानी में दिनदहाड़े हुई इस हत्याकांड से लोगों में बेहद आक्रोश है। हत्या की खबर सामने आते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में तिवारी के समर्थक उनके घर एवं आवास पहुंचे। तिवारी अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। कुछ समय पहले तिवारी को पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने हिंदू समाज पार्टी का गठन किया था।