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मरीजों के लिए अच्छी खबर, लखनऊ के PGI में लिवर और पैंक्रियाज के ऑपरेशन अब रोबोट से, रोगियों को होंगे कई फायदे

Updated Jul 17, 2022 | 15:23 IST

Lucknow PGI: राजधानी लखनऊ स्थित पीजीआई में अब लिवर और पैंक्रियाज समेत कई मर्ज के ऑपरेशन रोबोट की मदद से होंगे। रोबोट से सर्जरी के कई फायदे हैं। रोबोट से सर्जरी होने के बाद मरीज जल्द ठीक हो सकेंगे।

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लखनऊ पीजीआई में अब रोबोट की मदद से होंगे ऑपरेशन
मुख्य बातें
  • पीजीआई में रोबोट की मदद से होंगे अब लिवर और पैंक्रियाज समेत कई मर्ज के ऑपरेशन
  • चीरा और दूरबीन से होने वाले ऑपरेशन के मुकाबले रोबोटिक सर्जरी ज्यादा सुरक्षित
  • पीजीआई में इसी महीने शुरू हो जाएंगे ऑपरेशन

Lucknow PGI: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसपीजाआई) में अब लिवर, पैंक्रियाज, गॉल ब्लेडर और आंतों के ऑपरेशन रोबोट से किए जाएंगे। चीरा और दूरबीन से होने वाले ऑपरेशन के मुकाबले रोबोटिक सर्जरी ज्यादा सुरक्षित होगी। रोबोटिक सर्जरी में चीरा छोटा होने से रक्तस्राव और संक्रमण का खतरा कम रहता है। मरीज को ऑपरेशन के दौरान और बाद में दर्द भी कम होता है। अस्पताल में ज्यादा दिन तक भी नहीं रहना पड़ता। इसके लिए डॉक्टरों ने प्रशिक्षण ले लिया है। पीजीआई में इसी महीने ऑपरेशन शुरू हो जाएंगे।

पीजीआई निदेशक डॉ. राधाकृष्ण धीमन ने बताया कि, अब हेपेटोबिलरी से जुड़ी बीमारियों के ऑपरेशन गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टर रोबोट से करेंगे। कई विभागों में यहां पहले से रोबोटिक सर्जरी की जा रही हैं। इसकी सफलता दर ज्यादा है, ऐसे में संस्थान में मरीजों में इसकी मांग बढ़ गई है। दूसरे ऑपरेशन की तुलना में रोबोटिक सर्जरी महंगी जरूर है लेकिन यह सुरक्षित और सफल अधिक है। पिछले तीन महीने में रोबोट से 70 ऑपरेशन किए गए हैं, जबकि अब तक 450 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। 

रोबोट से किया जा रहा गुर्दे का प्रत्यारोपण

पीजीआई निदेशक के अनुसार, संस्थान में साल 2019 में रोबोटिक सर्जरी चल रही हैं। इसमें यूरोलॉजी और कार्डियक थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस), इंडोक्राइन सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के चिकित्सक रोबोट से सर्जरी कर रहे हैं। संस्थान में गुर्दे का प्रत्यारोपण भी रोबोट से किया जा रहा है। पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमन के अनुसार, रोबोटिक सर्जरी में डॉक्टर कंसोल के जरिए संचालित करते हैं। रोबोट थ्री-डी हाई डेफिनिशन विजुअल सिस्टम के तहत दूरबीन द्वारा छोटे उपकरण शरीर में प्रवेश कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि, रोबोट की बाजुओं से जुड़े हुए उपकरणों को चलाने के लिए एक कंप्यूटर कंसोल का इस्तेमाल किया जाता है। मास्टर कंसोल की मदद से रोबोट काम करता है। डॉक्टर स्क्रीन पर देखते रहते हैं और गतिविधियों को अंजाम देते हैं।

पीजीआई में अब होंगे ये ऑपरेशन

पीजीआई में अब गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में रोबोट से ऑपरेशन किए जाएंगे। इसमें लिवर, गॉल ब्लेडर, आंत, पैंक्रियाज, पेट में ट्यूमर और खाने की नली आदि के ऑपरेशन होंगे।

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