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Lucknow news: लखनऊ के गोमती नदी पर बना गांधी सेतु अगले 15 दिन तक बंद रहेगा, पीडब्ल्यूडी करेगा ज्वाइंट की मरम्मत

Updated May 21, 2022 | 13:58 IST

Lucknow Gandhi Setu: लखनऊ में गोमती नदी पर बने गांधी सेतु के ज्वाइंट पर कंपन नहीं हो रहा है। इसलिए वाहनों के भारी बोझ के चलते कभी भी यह दरक सकता था। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने इसके सारे ज्वाइंट की मरम्मत कराने का फैसला किया है। इसमें लगभग 15 दिन का समय लगेगा। पुल को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
गोमती नदी पर बने गांधी सेतु अगले 15 दिन तक बंद।
मुख्य बातें
  • लखनऊ में गोमती नदी पर बना गांधी सेतु अगले 15 दिन तक रहेगा बंद
  • साइकिल और पैदल छोड़कर बाकी अन्य सभी तरह के वाहनों को रोक दिया गया है
  • लखनऊ के बाकी पुलों की भी पीडब्ल्यूडी कर रहा है जांच

Gandhi Setu :  उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गोमती नदी पर बना गांधी सेतु अगले 15 दिन तक बंद रहेगा। इस पुल के ज्वाइंट पर कंपन नहीं हो रहा है। ऐसे में आशंका है कि वाहनों के भारी बोझ के चलते कभी भी यह दरक सकता था। कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। इसलिए पीडब्ल्यूडी ने इसके सारे ज्वाइंट की मरम्मत कराने का फैसला किया है। इसमें लगभग 15 दिन का समय लगेगा। पुल को दोनों ओर से बंद कर दिया गया है। साइकिल और पैदल छोड़कर बाकी अन्य सभी तरह के वाहनों को रोक दिया गया है।

इस वजह से लोहिया पथ के बाकी पुलों पर वाहनों का दबाव कुछ बढ़ा है, जो कि पीक टाइम पर अधिकतम होता है। लखनऊ के बाकी पुलों की भी पीडब्ल्यूडी जांच कर रहा है। एक-एक करके सभी की मरम्मत की जाएगी।

गांधी सेतु के ज्वाइंट में जर्क ना होने की दिक्कत

लखनऊ में शहर से गोमती नगर जाने के लिए गोमती नदी पर बनाया गया गांधी सेतु बहुत अहम है। इस सेतु की शुरुआत 1090 चौराहे से होती है जोकि चटोरी गली के पास जाकर समाप्त होता है। उसकी वजह से लोहिया पथ पर वाहनों का दबाव काफी कम रहता है। इनको भी अंबेडकर स्मारक की तरफ जाना होता है, वह सीधे ही इस रास्ते से निकल जाते हैं। अब 15 दिन तक यहां वाहन नहीं गुजर सकेंगे। पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग ने पुलों का ऑडिट कराया था। इसमें गांधी सेतु के ज्वाइंट में जर्क ना होने की दिक्कत सामने आई थी। इसकी वजह से पुल में कभी भी दरार आने की आशंका थी। 

पीडब्ल्यूडी अन्य पुलों पर भी जांच की जा रही

लोक निर्माण विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रदेश भर में पीडब्ल्यूडी के संरक्षण वाले सभी पुलों का इसी तरह से ऑडिट किया जा रहा है। कहीं भी कोई गड़बड़ी होने पर मरम्मत का कार्य करवाया जाता है। इसमें कम से कम 10 से 15 दिन का समय लगता है। लखनऊ में भी यही हो रहा है। लोगों को कुछ तकलीफ का सामना करना पड़ेगा लेकिन भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका खत्म हो जाती है। इसलिए पुलों की मरम्मत करवाना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि अन्य पुलों पर भी जांच की जा रही है। एक-एक करके जहां भी कमियां मिलेंगी, सभी की मरम्मत करवाई जाएगी।

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