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Lucknow Nagar Nigam: राजधानी के पटरी दुकानदारों को निगम ने दी बड़ी राहत, फेरी वालों का नहीं लाइसेंस शुल्क बढ़ा

Updated Jun 14, 2022 | 14:59 IST

Lucknow Nagar Nigam: लखनऊ में नगर निगम की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। पटरी दुकानदारों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, नगर निगम ने प्रिन्टिंग प्रेस पर क्षतिपूर्ति शुल्क लगाया है।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
लखनऊ नगर निगम
मुख्य बातें
  • लखनऊ में नगर निगम की बैठक में कई बड़े फैसले
  • पटरी दुकानदारों को मिली बड़ी राहत
  • कबाड़ स्थलों से लाइसेंस शुल्क वसूलेगा नगर निगम

Lucknow Municipal Corporation: लखनऊ नगर निगम ने पटरी दुकानदारों को बड़ी राहत दी है। पटरी दुकानदारों को लाइसेंस शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव खारिज हो गया है। ऐसे में उन्हें वही शुल्क चुकाना होगा, जो अब तक चुका रहे हैं। दरअसल, सोमवार को लखनऊ नगर निगम की बजट बैठक काफी हंगामेदार रही। बजट पर चर्चा होने की बजाय पार्षद अपने वार्डों व शहर की समस्याओं को लेकर सदन में जूझते दिखाई दिए। क्योंकि उन्हें इसी वर्ष फिर से चुनाव में जाना है। उधर, नगर निगम अफसरों की तरफ खाली खजाने को भरने के लिए नए टैक्स का प्रस्ताव रखा गया। नए टैक्स लगाने का पार्षदों ने कोई विरोध नहीं किया। सर्व सम्पत्ति से ऑटो, टेम्पो, ट्रैवल एजेंसी, सड़क पर वाहन खड़े करने वालों पर शुल्क लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। 

अगर कोई ट्रैवल एजेंसी और ऑटो वाला शुल्क नहीं जमा करेगा तो उससे इसकी वसूली हाउस टैक्स के साथ की जाएगी। नए टैक्स की वसूली दो से तीन महीने के भीतर शुरू हो जाएगी। इसके लिए नियमावली जल्दी बनेगी।

पटरी दुकानदारों को निगम ने दी राहत

फिलहाल पटरी दुकानदारों को राहत है। निगम ने इनका लाइसेंस शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव तैयार कराया था। पार्षदों के विरोध के चलते इसे खारिज कर दिया गया। स्थिर फेरी वालों का वार्षिक लाइसेंस शुल्क 7200 से बढ़ाकर 14400, चल फेरी का 3600 से 7200, साप्ताहिक बाजार का प्रतिदिन 25 रुपए की जगह 50 का प्रस्ताव था।

एलडीए के कबाड़ स्थलों पर लागू होगा लाइसेंस शुल्क

एलडीए ने शहर में 181 स्क्रैप के स्थल चिह्नित किए थे। इन स्थलों को हाल ही में एलडीए ने नगर निगम को सौंप दिया था। अब नगर निगम इनसे भी लाइसेंस शुल्क वसूलेगा। छोटे स्थल का वार्षिक लाइसेंस शुल्क 30 हजार रुपए सालाना होगा। जबकि मीडियम स्थल का शुल्क 45 हजार तथा बड़े स्थल का शुल्क 60 हजार रुपए सालाना होगा।

प्रिन्टिंग प्रेस पर क्षतिपूर्ति शुल्क 

नगर निगम ने प्रिन्टिंग प्रेस पर क्षतिपूर्ति शुल्क लगाया है। प्रिन्टिंग प्रेस की ओर से प्रचार प्रसार के लिए पोस्टर छापे जाते हैं। इन पोस्टर को विभिन्न इलाकों में लोग सरकारी बिल्डिंग की दीवारों पर चिपका कर इन्हें खराब करते हैं। पोस्टर साफ करने में बड़ी रकम खर्च होती है। इसलिए छतिपूर्ति शुल्क लगेगा। दरें जल्दी ही निर्धारित कर दी जाएंगी।

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